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लेह हिंसा: राज्य दर्जे की मांग पर उभरा जनाक्रोश

24 सितंबर 2025 को लद्दाख के लेह में राज्य दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आयोजित प्रदर्शन हिंसक हो गया।

इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 90 लोग घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी और पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त किया।

घटना के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया और इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दीं।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी

प्रदर्शन के मुख्य आयोजकों में शामिल पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्हें लेह से जोधपुर केंद्रीय कारागार भेजा गया है।

वांगचुक की पत्नी, गीतांजलि अंगमो ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके पति ने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया।

उन्होंने यह भी कहा कि वांगचुक की संस्था, SECMOL, के FCRA लाइसेंस को निलंबित करना और उन्हें पाकिस्तान से जोड़ना राजनीतिक दबाव का हिस्सा है।

लेह में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत पाँच या उससे अधिक लोगों का एकत्र होना प्रतिबंधित है।

सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और सभी सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी रखी जा रही है। मृतकों के अंतिम संस्कार कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच संपन्न हुए। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जब तक पूरी तरह शांति बहाल नहीं होती, प्रतिबंध जारी रहेंगे।

यह घटना लद्दाख में राज्य दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बढ़ते जनाक्रोश का संकेत देती है।

स्थानीय समुदायों की पहचान और संसाधनों पर नियंत्रण की सुरक्षा के लिए उनकी आवाज़ को अब राष्ट्रीय स्तर पर सुना जा रहा है। आगे की कार्रवाई और संवाद की दिशा इस आंदोलन के भविष्य को आकार देगी।

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