दिल्ली में दर्ज 6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के केस में नियमों की अनदेखी कर आरोपियों को बेल देने पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है।
शीर्ष अदालत ने ACMM और सेशन्स जज को दिल्ली ज्यूडिशियल एकेडमी में सात दिन की विशेष ट्रेनिंग के लिए भेजने का आदेश दिया।
शिकायत के मुताबिक एक कपल ने 1.90 करोड़ रुपये लेकर कंपनी को ज़मीन देने का वादा किया, लेकिन ज़मीन पहले ही बिक चुकी थी।
रकम लौटाने से इनकार करने पर कंपनी ने मामला दर्ज कराया। ब्याज समेत कंपनी का दावा 6 करोड़ से अधिक का हो गया।
हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
2018 में FIR दर्ज होने के बाद 2023 में हाई कोर्ट ने कपल को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया और उनके झूठे वादों की आलोचना की। लेकिन ACMM ने नवंबर 2023 में जमानत दे दी, जिसे सेशन्स जज और हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने पाया कि निचली अदालतों ने आरोपियों के आचरण और हाई कोर्ट की टिप्पणियों को नज़रअंदाज़ किया।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी बेल आदेश रद्द कर दिए और आरोपियों को दो हफ़्ते में समर्पण करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने जांच में लापरवाही पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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