CJI सूर्यकांत का सिस्टम पर कड़ा प्रहार: “2009 का ट्रायल आज तक? यह न्याय प्रणाली का मज़ाक है”
भारत के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने एसिड अटैक मामलों में हो रही देरी पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब उन्हें बताया गया कि एक 2009 का एसिड अटैक केस आज तक लंबित है,
उन्होंने कहा “यह सिस्टम का मज़ाक है। कोई केस 15 साल तक कैसे लटका रह सकता है?”
एसिड अटैक पीड़िता खुद पहुँची कोर्ट
यह मामला CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष आया।
सुनवाई के दौरान एसिड अटैक सर्वाइवर और याचिकाकर्ता शाहीन मलिक को कोर्ट ने खुद अपनी बात रखने का अवसर दिया।
CJI ने उनसे कहा “अगर आप कुछ कहना चाहती हैं तो आपका स्वागत है। आप इतनी दूर से आई हैं, हम आपको सुनना चाहेंगे।”
पीड़िता ने बताया कि 2009 में उन पर एसिड से हमला हुआ था, लेकिन 2013 तक उन्हें न्याय की कोई उम्मीद नहीं दिखी।
“आरोपियों को सज़ा मिली?” – CJI का सीधा सवाल
जब CJI ने पूछा कि क्या आरोपियों को सज़ा मिली है, तो पीड़िता ने जवाब दिया — नहीं।
उन्होंने बताया कि मामला आज भी रोहिणी कोर्ट, दिल्ली में ट्रायल स्टेज पर है और अंतिम दलीलों तक ही सीमित है।
इस पर CJI ने कड़े शब्दों में कहा: “2009 का मामला आज तक खत्म क्यों नहीं हुआ? यह समझ से बाहर है।”
महिलाओं को एसिड पिलाया जा रहा? सुनकर CJI स्तब्ध
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि केवल चेहरे पर हमला ही नहीं, बल्कि कुछ मामलों में महिलाओं को एसिड जबरन पिलाया जा रहा है।
इस पर CJI ने कहा “अगर किसी को एसिड पीने पर मजबूर किया जाए, तो वह कैसे जिंदा रहेगा? मैंने ऐसा पहले कभी नहीं सुना।”
“इन मामलों में रोज़ाना ट्रायल होना चाहिए”: सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस ने साफ कहा कि:
- एसिड अटैक मामलों में daily trial अनिवार्य होना चाहिए
- किसी भी कोर्ट को ऐसे अपराधियों के प्रति कतई सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए
- इन मामलों के लिए स्पेशल कोर्ट बनाए जाने पर विचार हो
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बड़ा बयान
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा:
“इस याचिका का कोई विरोध नहीं कर सकता। ऐसे मामलों को विकलांगता कानून के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।”
उन्होंने सुझाव दिया कि:
- पीड़ितों को दिव्यांग श्रेणी में रखा जाए
- उन्हें पेंशन और सरकारी सहायता मिलनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
पीठ ने देश के सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से एसिड अटैक मामलों की पेंडेंसी रिपोर्ट मांगी
केंद्र सरकार को नोटिस जारी, चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय
देश के लिए चेतावनी जैसी टिप्पणी
CJI सूर्यकांत ने कड़े शब्दों में कहा “अगर राजधानी दिल्ली में इंसाफ नहीं मिलेगा, तो देश में कहाँ मिलेगा?”
















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