मामला सियासी और प्रशासनिक
बिहार में हिजाब विवाद की वजह से चर्चा में आईं AYUSH डॉक्टर डॉ. नुसरत परवीन शनिवार, 20 दिसंबर 2025 तक
अपनी निर्धारित ड्यूटी पटना सदर के सबलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में नहीं पहुँचीं,
जिससे मामला और गर्म हो गया है। उन्हें शाम 6 बजे तक रिपोर्ट करना था, लेकिन वे ड्यूटी जॉइन नहीं कर पाईं।
डॉ. नुसरत परवीन हिजाब विवाद के बाद सुर्खियों में आई थीं
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 दिसंबर को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में उनका हिजाब/नक़ाब हटाया था,
जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई।
झारखंड सरकार ने पेश किया बड़ा ऑफर
मामले के बीच झारखंड सरकार ने उन्हें सरकारी नौकरी, 3 लाख रुपये प्रति माह सैलरी,
मनचाही पोस्टिंग और सरकारी फ्लैट का ऑफर दिया,
लेकिन इस पर भी डॉ. नुसरत की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई।
अधिकारी और प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डॉ. नुसरत के ड्यूटी न ज्वॉइन करने के पीछे कोई
स्पष्ट कारण नहीं मिला और अधिकारी उनसे या उनके परिवार से संपर्क में नहीं हैं।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार जॉइनिंग की अंतिम तारीख को विशेष मामलों में बढ़ाया भी जा सकता है।
राजनीतिक चर्चा और आलोचना
- विपक्ष और कई समूहों ने हिजाब विवाद पर कड़ी आलोचना की है।
- राज्यपाल ने भी विवाद पर बयान देते हुए कहा कि इसे पितृत्व‑संबंध जैसा न समझा जाए, और इसे “अनावश्यक विवाद” बताया है।
- यह विषय राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बना हुआ है, खासकर धार्मिक स्व‑अभिव्यक्ति और नौकरी से जुड़ी गरिमा के दृष्टिकोण से।
आगे का रुख
अब देखना होगा कि डॉ. नुसरत कब और क्या समय पर ड्यूटी जॉइन करती हैं,
और क्या बिहार या किसी अन्य राज्य सरकार की तरफ से उन्हें अलग निर्णय या पेशकश मिलती है।
मामला कानून‑व्यवस्था, धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे राष्ट्रीय विषयों को भी छू रहा है।
















Leave a Reply