प्रशासन की अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ डांग गाँव ने शुरू किया जन-आन्दोलन

जल जीवन मिशन योजना के सही तरह से क्रियान्वित करने के लिए शुरू जन-आन्दोलन
अभिरेख अरूणाभ

मंगलवार, 18 जून यानि की आज से ज्येष्ठ माह की तपती धूप में उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाॅक में स्थित डांग गाँव के ग्रामीणों को अपनी पानी की समस्या के लिए जन-आन्दोलन की शुरुआत करनी पड़ी। डांग गाँव 3 वर्षों से केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन (हर घर जल) योजना को सही तरीके से क्रियान्वित करने के लिए लड़ रहा है।

हर घर जल योजना को सही तरीके से क्रियान्वित करने हेतु आंदोलन शुरू
प्रथम चरण के तहत FHTC का कार्य डांग गाँव के ग्रामीणों ने अपने संघर्ष के बल पर पूर्ण करवाया। योजना के दूसरे चरण में पानी के संग्रहण के लिए नये टैंक निर्माण के लिए अपनी खेतीहर जमीन मुफ्त में दी, विभाग ने टैंक भी बना दिया।

अब जब द्वितीय चरण के अंतिम पड़ाव में नये टैंक में पुरानी आ रही पाइप लाइन को जोड़ने का कार्य शुरू हुआ तो विभाग ने कुछ सौ मीटर तक पाइप लाईन बिछाई लेकिन विभाग जब बस 200-300 मीटर और लाईन बिछानी बाकी रह गई थी तभी विभाग ने हाथ खड़े कर दिए।

जब विभाग से ग्रामीणों ने पूछा तो विभाग ने कहा कि डांग गाँव का पड़ोसी गाँव पोखरी के कुछ ग्रामीण पाइप लाइन बिछाने नहीं दे रहे हैं।

डांग के प्रधान तथा ग्रामीणों ने विभाग से पुलिस सुरक्षा में काम को निर्धारित समय में पूर्ण करने की मांग की, लेकिन, प्रशासन के कानों में जूँ तक नहीं रेंगी।

आचार संहिता की आड़ में प्रशासन मौन
समय बीतता गया और चुनाव आचार संहिता लग गई। प्रशासन आचार संहिता की आड़ में काम को टालता रहा, और ग्रामीणों को कहा गया कि उत्तराखण्ड में लोकसभा की वोटिंग की तारीख 19 मई के बाद पानी जोड़ दिया जाएगा। लेकिन, फिर भी नहीं जोड़ा गया।

इतना सब होने के बावजूद ग्रामीणों ने प्रशासन को एक माह का अल्टीमेटम दिया और कहा कि यदि उनके नवनिर्मित टैंक में पाईप लाइन नहीं जोड़ी गई तो वो जन- आन्दोलन करने के लिए विवश होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

प्रशासन ने ग्रामीणों की पूर्व चेतावनी को भी नजरअन्दाज कर दिया तो अब डांग गाँव के ग्रामीणों ने आज 18 जून से जिला कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को आनी शर्म चाहिए कि वह अपनी दी हुई जुबान से पीछे हट रहा है और हमारी मूलभूत आवश्यकता ”जल“ की पूर्ति श्री नहीं कर पा रहा है।

डांग के ग्रामीणों ने बताया कि आज भी वो उसी जल स्रोत का पानी पुरानी पाइप लाइन से पी रहे हैं जिसे नयी पाइप लाइन के माध्यम से नये निर्मित टैंक में डालने की मांग की जा रही है।

लेकिन, प्रशासन पता नहीं किसके दबाव में काम कर रहा है जो इस साधारण-सी समस्या को जानबूझकर सुलझा नहीं रहा है।

जिला अधिकारी के लिखित आदेश की अवहेलना
ग्रामीणों ने बताया कि जिला अधिकारी ने 14 फरवरी 2024 तथा 28 फरवरी 2024 को अपने लिखित आदेश में जल संस्थान को निर्देशित किया था कि वह अपूर्ण कार्य को ससमय पूरा करवाए।

जब जल संस्थान ने जिला अधिकारी के दो-दो लिखित आदेशों की अवहेलना की तभी जिला प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं करी।

ग्रामीण जब प्रशासन की इस ढ़िलाई का कारण जानने उप-जिला अधिकारी भटवाड़ी के पास गये तो एसडीएम (उपजिला अधिकारी) भटवाड़ी ने डांग गाँव के ग्रामीणों पर शाँति भंग करने के झूठे मुकदमे कर दिए। और इस तरह पीड़ित ग्रामीणों की आवाज उठाने के बजाए दबाने की कोशिश की गई।

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मुख्यमंत्री और मानवाधिकार आयोग के लिखित आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं
ग्राम प्रधान होग ने बताया कि मुख्यमंत्री और मानवाधिकार आयोग ने भी लिखित आदेश दिए हैं कि ग्रामीणों के नवनिर्मित टैंक को पाइप लाइन से जोड़ा जाए और पानी उपलब्ध करवाया जाए।

लेकिन प्रशासन अपनी ढिठाई पर अड़ा रहा और कोई भी कार्यवाही नहीं करी । थकहारकर ग्रामीणों को जनआन्दोलन का मार्ग चुनना पड़ा।

सामाजिक कार्यकर्ता और ”गाँव बचाओ आन्दोलन“ के अध्यक्ष श्री अभिषेक जगूड़ी जी ने बताया कि उन लोगों का यह आन्दोलन जल जीवन मिशन (हर घर जल, हर घर नल) योजना के भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन गांधीवादी, अहिंसात्मक, गैर-राजनीतिक धरना सत्याग्रह जनान्दोलन है।

ग्राम पंचायत डाँग के ग्रामीणों की ओर से ”गाँव बचाओ, आन्दोलन“ (ग्रामीण जनता का जनसंगठन) के बैनर तले शांतिपूर्ण ढंग से गांधीवादी तरीके से अनिश्चितकालीन धरना सत्याग्रह आज 18 जून से प्रारंभ किया गया है।

https://youtube.com/shorts/1cqYmnJN5oI?si=UbUSCmNqSUi2BKsR

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