महाशोकः युवा पत्रकार शीतल तिवारी का असामयिक निधन

पत्रकार गौरव नौडियाल पर टूटा पहाड़

प्रखर पत्रकार और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थी शीतल
गंगा असनोड़ा
युवा पत्रकार गौरव नौडियाल पर दुःखों का पहाड़ टूट गया है। प्रखर युवा पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शीतल तिवारी का असामयिक निधन हो गया है। शीतल, गौरव की पत्नी थीं और उत्तराखंड की पत्रकारिता में ये दोनों युवा मिलकर बेजोड़ कार्य कर रहे थे।


सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रखर पत्रकार शीतल तिवारी बीते 18 जुलाई को दिमागी बुखार से पीड़ित हुई। पहले पौड़ी अस्पताल में तथा बाद में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में इलाज लेने के बाद उन्हें देहरादून के इंद्रेश अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। इतनी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की नौबत आ गई। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका और वृहस्पतिवार सांय करीब चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।


शीतल के पति गौरव नौडियाल अमर उजाला, दैनिक जागरण समेत देश के कई नामचीन मीडिया संस्थानों में अपना हुनर दिखा चुके हैं।

दोनों पति-पत्नी उत्तराखंड के करीब सभी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रेकिंग कर चुके थे तथा बाइक से उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा नाप चुके थे। 62 दिनों में उत्तराखंड के तीन हजार किमी. क्षेत्र को इस दंपति ने 62 दिनों में नापा था। मात्र 38 वर्ष की आयु में शीतल ने एक अच्छा-खासा अनुभव प्राप्त कर लिया था। उनकी समझ कमाल की थी और वे प्रखर पत्रकार थीं। शीतल और गौरव ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि से एक साथ ही मास कॉम की पढ़ाई की थी।

उनका असामयिक निधन उत्तराखंड की पत्रकारिता में बहुत बड़ी रिक्ति है। वे अपने पीछे अपने पति गौरव नौडियाल के साथ छह माह की दुधमुंही बच्ची को भी छोड़ गई हैं। उनके निधन ने एक ओर पत्रकारिता जगत को रिक्ति दी है, तो दूसरी ओर पति गौरव पर दुःखों का पहाड़ टूट गया है।
रीजनल रिपोर्टर परिवार पत्रकार शीतल के असामयिक निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करता है तथा गौरव और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने जताया शोक
पत्रकार शीतल तिवारी के असामयिक निधन पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अल्मोड़ा में आयोजित शोक सभा में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी, प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, कोषाध्यक्ष विनोद जोशी, उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा, गोविंद लाल वर्मा, महासचिव एडवोकेट नारायण राम, उछास की भावना पांडे, दीपांशु पांडे, भारती पांडे व अन्य कार्यकर्ताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
      पार्टी नेताओं ने कहा कि शीतल के निधन से उत्तराखंड व समाज ने एक संभावनाशील नेतृत्व व पत्रकार को खो दिया है, जिसकी क्षति पूर्ति संभव नहीं है।

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