रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
राजधानी देहरादून स्थित आईएसबीटी में बस में एक 16 साल की नाबालिक के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद अब पुलिस प्रशासन के साथ ही उत्तराखंड परिवहन निगम भी एक्शन में आ गया है।
देहरादून डिपो की सहायक महाप्रबंधक अमिता सैनी ने सभी कर्मचारियों को पत्र भेजकर कहा है कि निगम के प्रति यात्रियों का जो विश्वास बना है उसे टूटने न दिया जाए। भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए निगम के सभी अधिकारी, कर्मचारी, वाहन स्वामी व अनुबंधित कर्मचारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का ठीक ढंग से निर्वहन करें।
वहीं आईएसबीटी परिसर में अगर कोई वाहन पार्किंग या बेवजह रूप से खड़ा किया जाता है तो उस वाहन के सीज होने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित वाहन स्वामी की होगी। डिपों से संचालित सभी अनुबंधित वाहनों के चालक का पूर्ण विवरण एवं उनके दस्तावेज की एक-एक प्रति रिकॉर्ड में रखी जाए। उनकी पुलिस सत्यापन रिपोर्ट कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
विशेष कर्मचारियों की सेवा समाप्त
बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म में शामिल उत्तराखंड परिवहन निगम के विशेष श्रेणी परिचालक देवेंद्र कुमार और विशेष श्रेणी चालक राजपाल सिंह की सेवायें समाप्त कर दी गई है। परिवहन निगम की कमेटी ने दोनों की सेवा समाप्ति पर मुहर लगा दी है। यह दोनों परिवहन निगम के विशेष श्रेणी कर्मचारी हैं।
विशेष श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई नहीं की जा सकतीं। इन पर आरोप लगने के बाद परिवहन निगम की कमेटी जांच करती है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पहले इन्हें रूट ऑफ किया जाता है। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाती है। कमेटी ने बृहस्पतिवार को जांच रिपोर्ट देकर दोनों की सेवा समाप्त कर दी।
जानें पूरा मामला
बता दें कि, घटना 12 अगस्त की रात्रि करीब ढाई बजे की है, आईएसबीटी में तैनात सुरक्षाकर्मी की सूचना पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने बदहवास हालत में मिली थी। किशोरी को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने मौके से रेस्क्यू किया था।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम किशोरी की काउंसलिंग कराई, जिसके बाद घटना का राज खुला था। जिसके बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने 17 अगस्त को आईएसबीटी चौकी पर मुकदमा दर्ज कराया।
वहीं, देहरादून में इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों में से पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया। जिसमें इस घटना को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि बस से जुड़े कर्मचारी हैं।