- हेमा नेगी करासी के गीतों पर झूमे लोग, एन.सी. सरकार के करतबों ने किया मंत्रमुग्ध
ऐतिहासिक बैकुंठ चतुर्दशी मेले की दूसरी संध्या लोकसंगीत और जादू के रंगों से सराबोर रही। एक ओर उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोकगायिका हेमा नेगी करासी ने अपने सुमधुर गीतों से पंडाल में उपस्थित हजारों श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया, वहीं ख्यातिप्राप्त जादूगर एन.सी. सरकार के अद्भुत करतबों ने लोगों को हैरान कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मेयर आरती भंडारी, नगर आयुक्त नूपुर वर्मा, सीओ अनुज कुमार, डॉ. रचित गर्ग, और डॉ. दिग्पाल दत्त ने संयुक्त रूप से किया।

जादूगर एन.सी. सरकार ने शुरुआत साधारण से लगने वाले करतबों से की, लेकिन जैसे-जैसे प्रदर्शन आगे बढ़ा, दर्शक आश्चर्य में डूबते चले गए।
कभी उन्होंने हवा में से रूमाल को कबूतर में बदल दिया, तो कभी खाली डिब्बे से फूलों की बारिश कर दी। बच्चों की तालियों और हंसी से पूरा पंडाल गूंज उठा।
उनकी तेज़ हाथ की सफाई, मंच पर नियंत्रित लाइटिंग और संगीत ने शो को और अधिक आकर्षक बना दिया। विशेषकर बड़ों के लिए प्रस्तुत माइंड-रीडिंग एक्ट ने सभी को दंग कर दिया।
करासी के गीतों में झलकी गढ़वाल की संस्कृति
हेमा नेगी करासी मंच पर पहुंचीं, तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत नंदा देवी पर आधारित जागर गीत और पारंपरिक भक्ति गीत “आंछरी” एवं “नृसिंह जागर” से की, जिनकी धुनों ने श्रोताओं को भक्ति भाव में डूबो दिया।
इसके बाद जब उन्होंने “अमरा बांध”, “जाग नंदा”, “गिरातोली गिर गेंदुआ” और “मेरी बामणी” जैसे लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए, तो दर्शक झूम उठे।

उनके गीतों में गढ़वाल की देवी परंपरा, लोकजीवन और सांस्कृतिक धरोहर की झलक स्पष्ट दिखाई दी।
मेले की दूसरी शाम में जहां एक ओर गढ़वाली लोकधुनों ने श्रद्धा और उमंग का माहौल बनाया, वहीं जादू के करिश्मों ने उत्सव को मनोरंजन के शिखर पर पहुंचा दिया।
नगरवासियों ने कहा कि इस बार का बैकुंठ चतुर्दशी मेला लोक संस्कृति, भक्ति और आनंद का अद्भुत संगम बन गया है।
इस मौके पर कार्यक्रम प्रभारी रमेश रमोला, नरेंद्र रावत, राजकुमार, प्रसिद्ध समाजसेवी लखपत सिंह भंडारी, पार्षद आशीष नेगी, सोनू चमोली, पंकज सती, तथा सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी सहित नगर निगम के अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।













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