उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व स्थायी अधिवक्ता सुभाष उपाध्याय को हाल ही में उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।
सुभाष उपाध्याय ने उत्तराखंड सरकार के लिए मुख्य स्थायी अधिवक्ता के रूप में कार्य किया है, जहाँ उन्होंने राज्य के हितों का उच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व किया। उनकी सेवा कानून में विशेषज्ञता और न्यायिक प्रणाली में गहरी समझ ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।
नियुक्ति प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सितंबर 2022 में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और उनके दो वरिष्ठतम सहयोगियों की सिफारिश पर विचार करते हुए सुभाष उपाध्याय सहित चार नामों की सिफारिश की थी।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने अप्रैल 2023 को सुभाष उपाध्याय को उत्तराखंड हाईकोर्ट का जज बनाये जाने की संस्तुति की। 2 साल के लंबे इंतजार के बाद अब उन्हें जज बनाये जाने के आदेश हुए हैं।
कौन हैं सुभाष उपाध्याय
सुभाष उपाध्याय उत्तराखंड राज्य के एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता रहे हैं, जिन्होंने सेवा कानून (Service Law) में विशेष विशेषज्ञता प्राप्त की है।
उनका पेशेवर सफर उत्तराखंड सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता (Chief Standing Counsel) के रूप में शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने राज्य के हितों का उच्च न्यायालय में प्रभावी रूप से प्रतिनिधित्व किया।
उनकी शिक्षा लखनऊ में हुई। उनके 2 जून को न्यायधीश के रूप में शपथ लेने की संभावना है। उनके शपथ ग्रहण के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट में जजों की संख्या 10 हो जाएगी।
सुभाष उपाध्याय वर्तमान में नैनीताल के रतन कॉटेज में निवास करते हैं। हाई कोर्ट बार एशोसिएशन ने उच्च न्यायलय में न्यायधीशों के रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए कई बार राष्ट्रपति को प्रत्यावेदन दिए गए।

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