अफगानिस्तान में रविवार की आधी रात को 11:47 बजे (स्थानीय समयानुसार) 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इसमें अब तक 622 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
भूकंप इतना खतरनाक था कि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। उस समय ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे, जिन्हें बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल पाया।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, भूकंप जलालाबाद शहर से करीब 17 मील दूर आया। शहर की आबादी लगभग दो लाख है। रातभर वहां भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का असर पड़ोसी पाकिस्तान में भी महसूस किया गया। खासकर खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत में झटके दर्ज किए गए।
लैंडस्लाइड से सड़कें बंद, राहत कार्यों में दिक्कत
रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें कुनार प्रांत में हुई हैं। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पूर्वी प्रांतों में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। पहाड़ी इलाका होने की वजह से राहत और बचाव कार्य मुश्किल हो रहा है। कई जगह लैंडस्लाइड के कारण सड़कें बंद हो गई हैं। लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जा रहा है।
भूकंपों का लंबा इतिहास
इससे पहले अक्टूबर 2023 में आए भूकंप में करीब 4 हजार लोगों की मौत का दावा किया गया था, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने 1500 मौतों की पुष्टि की थी। वहीं, 2022 में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप में करीब 1 हजार लोग मारे गए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान हिंदूकुश पर्वतमाला में स्थित है, जो भूकंप के लिहाज से बेहद सक्रिय मानी जाती है। यह इलाका भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स की सीमा पर आता है, जहां लगातार हलचल होती रहती है।

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