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अबेकस प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर अक्षत और रूद्र रहे प्रथम

35 मिनट के लिए दिए गए सवाल कर दिए 7 मिनट में हल

एससीईआरटी देहरादून की ओर से आयोजित अबेकस प्रतियोगिता में श्रीनगर गढ़वाल के अक्षत गिरी तथा चमोली जिले के रूद्र सिंह ने प्रथम स्थान पाया है।

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वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 में पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों की राज्य स्तरीय अबेकस प्रतियोगिता मार्च माह के प्रथम सप्ताह में देहरादून में संपन्न हुई।

दो वर्षों की इस प्रतियोगिता में चमोली के डुंग्री निवास रूद्र सिंह ने वर्ष 2024-25 के लिए तथा वर्ष 2023-24 के लिए श्रीनगर गढ़वाल के राजकीय आदर्श विद्यालय श्रीकोट के अक्षत गिरी (वर्तमान में भगवती मैमोरियल पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

द्वितीय स्थान पर पौड़ी के एकलव्य तथा देहरादून प्राथमिक विद्यालय नयागांव के ताजिम रहे।

अक्षत का कहना है कि आदर्श विद्यालय श्रीकोर्ट की शिक्षिका रश्मि गौड़ ने तथा घर में मेरी माँ और बहन ने मुझे लगातार अबेकस का अभ्यास कराया। राज्य स्तर पर पहले चरण की प्रतियोगिता 9 मिनट में जबकि दूसरे चरण की प्रतियोगिता को 7 मिनट में हल कर लिया था, जबकि इसके लिए करीब 35 मिनट का समय हमें दिया गया था।

इससे पूर्व भी स्पेलिंग प्रतियोगिता में अक्षत ने राज्य स्तर पर प्रतिभाग किया, जिसके लिए उनकी शिक्षिका आरती थपलियाल ने उन्हें अभ्यास कराया। गणित ओलंपियाड में भी अक्षत ने स्वर्ण पदक हासिल किया है।

अबेकस के बारे में= अबेकस एक टूल है, जिसमें बच्चों को जोड़, घटाना, गुणा, भाग सिखाया जाता है। बच्चों की मानसिक योग्यता में अभिवृद्धि के लिए अबेकस एक महत्वपूर्ण पद्धति है। दूसरे चरण में हाथों की उंगली पर सिखाया जाता है। विद्यालय में इसके लिए अलग से वादन रखा जाता है और उसमें पुस्तकों के माध्यम से पढ़ाया व सिखाया जाता है। अबेकस के प्रयोग से बच्चों में तार्किक क्षमता का विकास भी होता है।

ऐसे कराई जाती है प्रतियोगिता

अबेकस प्रतियोगिता ब्लाॅक, जिला एवं राज्य स्तर पर तीन राउंड में होती है। पहले राउंड में 60 प्रश्नों को आधे घंटे में हल करना होता है, जिसमें 20 प्रश्न एक अंक, 20 प्रश्न 2 अंक तथा 20 प्रश्न 3 अंक के होते हैं, जिन्हें अबेकस उपकरण की मदद से हल करना होता है।

दूसरे राउंड में 60 प्रश्न अंगुलियों के माध्यम से अबेकस प(ति से हल करने होते हैं। तीसरे राउंड में बच्चों को प्रश्न दिया जाता है, जिनमें कि उन्हें 10 सेकेण्ड में साॅल्वड करना होता है।

परिणाम तय करने के लिए फास्ट केलकुलेशन के साथ ही प्रथम दो राउंड में बच्चों की टाइमिंग व एक्यूरेसी भी नोट की जाती है।

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