भारत-पाकिस्तान तनाव पर सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारत-पाकिस्तान सीमा पर गहराते तनाव के बीच शनिवार को भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
इस दौरान सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को जानकारी देते हुए पाकिस्तान की हालिया आक्रामक गतिविधियों और भारत की सुरक्षा तैयारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की आक्रामकता
कर्नल कुरैशी ने बताया कि शुक्रवार रात को पाकिस्तान की सेना ने पश्चिमी मोर्चे (पठानकोट-भुज सेक्टर) पर आक्रामक गतिविधियां जारी रखीं।
पाकिस्तान की ओर से लड़ाकू विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का उपयोग किया गया। उन्होंने पुष्टि की कि इन हमलों में पठानकोट और भुज एयरबेस को हल्का नुकसान पहुंचा है, लेकिन महत्वपूर्ण ऑपरेशनल क्षमताओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
ब्रह्मोस फैसिलिटी पूरी तरह सुरक्षित
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा यह दावा किया गया कि उसने भारत की ब्रह्मोस मिसाइल फैसिलिटी को “तबाह” कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नल कुरैशी ने कहा,
“यह दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। भारत की ब्रह्मोस फैसिलिटी पूर्ण रूप से सुरक्षित है और उसका संचालन सामान्य रूप से जारी है।”
S-400 डिफेंस सिस्टम भी सुरक्षित
कर्नल कुरैशी ने इस बात की भी पुष्टि की कि भारत का रणनीतिक एयर डिफेंस सिस्टम, S-400 ट्रायम्फ, पूरी तरह कार्यरत है और किसी भी हवाई खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। यह सिस्टम सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रूप से तैनात है और ड्रोन व मिसाइल खतरों को रोकने में बेहद कारगर साबित हो रहा है।
भारत की स्थिति स्पष्ट: हमला होगा तो जवाब ज़रूर मिलेगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी स्पष्ट किया कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन अगर कोई देश हमारी संप्रभुता को चुनौती देता है, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। भारत हर मोर्चे पर – कूटनीतिक, सैन्य और साइबर – पूरी तरह सतर्क है।
पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते सीमा तनाव ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमलों और घुसपैठ की घटनाओं ने भारत की सीमाओं पर खतरे की घंटी बजा दी है।
सीमा पार से बढ़ती इन गतिविधियों को देखते हुए भारत सरकार ने सैन्य मोर्चे पर कई सख्त कदम उठाए हैं। इस रिपोर्ट में हम हालात की गंभीरता, भारतीय सेना की रणनीतिक तैयारी, और सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख फैसलों का विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
ड्रोन हमले: 26 जगहों पर पाकिस्तानी कोशिशें
जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक भारत-पाक सीमा पर बीते 72 घंटों में पाकिस्तान की ओर से 26 ड्रोन हमलों की कोशिशें की गईं। इन हमलों का उद्देश्य सैन्य चौकियों की निगरानी, हथियारों की तस्करी और आम नागरिकों में दहशत फैलाना था। हालांकि भारतीय सेना और BSF ने समय रहते इन हमलों को विफल कर दिया।
पंजाब के फिरोजपुर जिले में एक ड्रोन से गिरे विस्फोटक के कारण एक घर में आग लग गई, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्य झुलस गए। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
भारतीय सेना की तत्परता: टेरिटोरियल आर्मी को छूट
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने थलसेनाध्यक्ष को टेरिटोरियल आर्मी को सक्रिय करने की छूट दे दी है। टेरिटोरियल आर्मी का उपयोग जरूरत पड़ने पर नागरिक इलाकों की रक्षा, रसद व्यवस्था और आपातकालीन सहयोग में किया जाएगा।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की जा रही हैं और एयर डिफेंस सिस्टम को अलर्ट मोड में रखा गया है।
एयरस्पेस बंद: नागरिक उड़ानों पर रोक
राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार ने 15 मई तक देश के 24 एयरपोर्ट्स पर नागरिक उड़ानों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। इनमें श्रीनगर, पठानकोट, भुज, जोधपुर और अमृतसर जैसे एयरपोर्ट शामिल हैं।
यह कदम पाकिस्तान से संभावित मिसाइल या ड्रोन हमलों के खतरे को देखते हुए उठाया गया है, ताकि नागरिक हानि को रोका जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक नजरिया
संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक संस्थाओं ने भारत-पाक तनाव पर चिंता जताई है। अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारतीय राजनयिक लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की हरकतों को उजागर कर रहे हैं।
भारत वर्तमान हालात को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर तैयार है। सीमा सुरक्षा बल, सेना और वायुसेना पूरी तत्परता से सक्रिय हैं। ड्रोन जैसे आधुनिक खतरे के जवाब में भारत ने अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया है, जिससे देश की सीमाएं पहले से अधिक सुरक्षित मानी जा रही हैं।
