केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में इस सप्ताहांत लिस्टेड होने जा रहे पहले ‘एस्ट्रो महोत्सव’ का आयोजन 27 और 28 जून को लेह के तारू स्थित लद्दाख विश्वविद्यालय परिसर में होगा। यह आयोजन लेह पर्यटन विभाग एवं भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के सहयोग से कराया जा रहा है ।
डिप्टी कमिश्नर रोमिल सिंह डोंक ने बुधवार को इसकी तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें सभी विभागों को समयबद्ध कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई ।
दिन में सैमिनार, रात में टेलिस्कोपिक मनोरंजन
दो दिवसीय फेस्टिवल का उद्देश्य खगोल विज्ञान को लोकप्रिय बनाना है। दिन के समय, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा लेक्चर और सैमिनार आयोजित किए जाएंगे, जबकि रात में प्रतिभागियों को दूरबीन के जरिए सितारों और आसमानी पिंडों का अवलोकन करने का अवसर मिलेगा।
यह मिश्रण वैज्ञानिक तथ्यों और रोमांचक अनुभवों का है, जिसका लाभ सामान्य दर्शकों से लेकर नवेले खगोलशास्त्र प्रेमियों तक उठा सकेंगे।
डार्क स्काई रिजर्व हानले: खगोल पर्यटन का केंद्र
हानले स्थित डार्क स्काई रिजर्व, जो चांगथांग अभ्यारणय में फैला है, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की भारतीय खगोलीय वेधशाला का घर है। इसकी ऊँचाई और न्यूनतम प्रकाश प्रदूषण इसे भारत का सर्वोत्तम खगोल अवलोकन स्थल बनाती है ।
इस फेस्टिवल में शामिल होना खगोल‑रहस्य‑प्रेमियों को हानले की अनूठी आकाश दृश्यता की सराहना करने का भी शुभ अवसर देगा।
बुधवार को डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता वाली बैठक में नगर समिति द्वारा कार्यक्रमस्थल की स्वच्छता, टेंट‑बाज़ार, जलापूर्ति के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा पानी के टैंकर, और चिकित्सा संस्थानों की तैयारियों पर विशेष चर्चा हुई ।
उपर्युक्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगी कि आगंतुकों को एक सुगम, स्वच्छ और शिक्षा‑विनोद से भरा अनुभव मिल सके।
यह एस्ट्रो महोत्सव लद्दाख की खगोल‑पर्यटन (astrotourism) को वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह आयोजन रात्रि के आकाश का अनुभव दिलाने के साथ-साथ लद्दाख को वैज्ञानिक पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करेगा ।
सरकार की यह पहल पर्यावरण‑अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देने और युवाओं को खगोल विज्ञान के प्रति प्रेरित करने में सहायक सिद्ध होगी।
