अग्निवीर भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवक गंभीर रूप से घायल, क्षेत्र में दहशत
उत्तराखंड में वन्यजीवों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ी इलाकों में भालू और गुलदार के बढ़ते हमलों से लोग लगातार दहशत में हैं।
मामला पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू क्षेत्र का है, जहां गुरुवार, 30 अक्टूबर सुबह एक भालू ने दो युवकों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया।
दोनों को स्थानीय लोगों की मदद से बचाकर श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
अभ्यास के दौरान झाड़ियों से निकला भालू
जानकारी के अनुसार, घायल युवक आदर्श सिंह, निवासी माथीगांव, और आकाश सिंह, निवासी कठूली, खिर्सू में रहकर आगामी अग्निवीर भर्ती की तैयारी कर रहे हैं।
गुरुवार सुबह दोनों रोज़ाना की तरह जंगल की ओर दौड़ और अभ्यास के लिए निकले थे। इसी दौरान जब वे विजेंद्र सिंह के घर के पास मुख्य मार्ग से गुजर रहे थे, तभी झाड़ियों में छिपे भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया।
हमले की तीव्रता इतनी थी कि दोनों युवक जमीन पर गिर पड़े और खुद को बचाने में असमर्थ हो गए। आस-पास मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और डंडों व पत्थरों की मदद से किसी तरह भालू को भगाया। इसके बाद घायलों को तत्काल वाहन से खिर्सू से श्रीनगर बेस अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों ने बताया दोनों की हालत सामान्य
अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, दोनों युवकों के हाथ, पैर और पीठ पर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को निगरानी में रखा गया है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। लोगों ने मांग की है कि हमलावर भालू को पकड़कर जंगल के गहरे हिस्से में छोड़ा जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जैसे पहाड़ी जिलों में हाल के महीनों में भालू और गुलदार के हमलों के कई मामले सामने आए हैं। सितंबर में भी पोखरी ब्लॉक में एक महिला पर भालू ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
इससे पूर्व रूद्रप्रयाग जिले के चौंथला गांव के एक व्यक्ति पर भालू ने हमला कर दिया था। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में भोजन की कमी और मानव बस्तियों के बढ़ते विस्तार के कारण जंगली जानवर अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं।










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