लक्ष्मण सिंह नेगी
कालीमठ घाटी के सीमांत गांवों के ग्रामीणों की आराध्य भगवती चामुण्डा की दिवारा यात्रा सोमवार, 08 सितम्बर को शिव–पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण पहुँची।
यहाँ ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर 15 साल बाद हुए भगवती चामुण्डा और शिव–पार्वती के ऐतिहासिक मिलन के सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने।
मंगलवार को दिवारा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड पहुँचेगी। यात्रा से पूरे केदार घाटी का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। माँ चामुण्डा गांव-गांव जाकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रही हैं और लोग पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली और विश्व कल्याण की कामना कर रहे हैं।

सोमवार को सुबह सीतापुर में आचार्यों ने पंचांग पूजन और विधि-विधान से पूजा सम्पन्न की। ठीक 10 बजे यात्रा त्रियुगीनारायण के लिए रवाना हुई। इस दौरान ब्राह्मणों ने वेद ऋचाएँ, महिलाओं ने मांगलिक गीत और भक्तों ने “जय माता दी” के उद्घोष के साथ यात्रा की अगुवाई की।
शाम को त्रियुगीनारायण पहुँचने पर ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि बुधवार को यात्रा बेस कैंप और गुरुवार को केदारनाथ धाम पहुँचेगी। तीर्थदर्शन और स्नान के बाद यात्रा की वापसी होगी।
इस मौके पर समिति के पदाधिकारी, संरक्षक और आसपास के गाँवों के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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