- 7 की मौत 27 घायल, फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक ने लिया रौद्र रूप
- दिल्ली धमाके के बाद कश्मीर में दूसरा बड़ा हादसा, पुलिस स्टेशन की दीवारें ढहीं, जांच कई एंगल से जारी
देश की राजधानी दिल्ली में हुए धमाके के कुछ ही दिनों बाद जम्मू-कश्मीर में एक और बड़ा हादसा सामने आया है।
श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन के भीतर शुक्रवार देर रात जब्त किए गए विस्फोटक सामग्री के फटने से भीषण धमाका हुआ।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, 7 लोगों की मौत हो गई है और 27 घायल हैं। धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरे थाना परिसर की दीवारें तक चकनाचूर हो गईं और आसपास के इलाकों में भी झटका महसूस किया गया।
कैसे हुआ धमाका
सोर्सेज के मुताबिक, धमाका उस समय हुआ जब फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक की फॉरेंसिक जांच चल रही थी।
यह विस्फोटक एक व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल से बरामद किया गया था, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट सहित बड़ी मात्रा में केमिकल मिले थे।
फॉरेंसिक टीम द्वारा नमूने निकालते वक्त अचानक जोरदार विस्फोट हुआ। पुलिस यह जांच कर रही है कि यह दुर्घटना थी, लापरवाही थी या फिर किसी बाहरी ट्रिगर की वजह से हुआ ब्लास्ट।
धमाके के बाद थाना परिसर धुएं, आग और मलबे से भर गया। कई कमरों की दीवारें ढह गईं और पार्किंग में खड़ी गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुईं।
रिपोर्टों के अनुसार 7 लोगों की मौत, 27 घायल कई की हालत गंभीर है। मृतकों में पुलिसकर्मी और फॉरेंसिक स्टाफ शामिल बताए जा रहे हैं।
CRPF, SDRF और पुलिस ने संभाला मोर्चा
धमाके के तुरंत बाद पुलिस, CRPF, SDRF और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। गंभीर रूप से घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
मौके पर जवानों ने आसपास का इलाका खाली करवाकर थाना को सील कर दिया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह घटना पहली नजर में दुर्घटना लग रही है, लेकिन किसी भी एंगल को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा।
दो प्रमुख एंगल से जांच:
- लापरवाही / Improper Handling
- क्या विस्फोटक सही तरीके से स्टोर किया गया था?
- क्या नमूना निकालने के दौरान सुरक्षा मानक फॉलो हुए?
- आतंकी एंगल
- फरीदाबाद वाला मॉड्यूल हाई-रिस्क था।
- क्या किसी तरह रिमोट ट्रिगर या छिपे डिवाइस की संभावना है?
यह वही विस्फोटक है जो दिल्ली कार ब्लास्ट से जुड़े रैकेट से बरामद किया गया था। इस जांच में सामने आया था कि यह मॉड्यूल कथित रूप से व्हाइट-कॉलर प्रोफेशनल्स से जुड़ा था।
दिल्ली और श्रीनगर दोनों घटनाओं के समानांतर आने से सुरक्षा एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है।
फॉरेंसिक टीमें जुटीं
पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञ थाने के हर हिस्से की जांच कर रहे हैं। CCTV फुटेज से पता लगाया जा रहा है कि धमाके से पहले कौन लोग किस क्षेत्र में मौजूद थे।
अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा, तापमान, घर्षण, और संभावित इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर पर भी जांच जारी है।









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