रूस के कजान में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (16th BRICS Summit 2024) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देना चाहता हूं।
मैं एक बार फिर ब्रिक्स से जुड़े नए साथियों का हार्दिक स्वागत करता हूं। अपने नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।
उन्होंने कहा, “मैं न्यू डवलपमेंट बैंक की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ को बधाई देता हूं। पिछले 10 वर्षों में यह बैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभर रहा है।
भारत में गिफ्ट सिटी के खुलने से इस बैंक की गतिविधियां मजबूत हुई हैं। एनडीबी को मांग आधारित सिद्धांत पर काम करना जारी रखना चाहिए और बैंक का विस्तार करते समय दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता, स्वस्थ क्रेडिट रेटिंग और बाजार पहुंच सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”
विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है ब्रिक्स
पीएम ने कहा, “मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस संदर्भ में हमारा नजरिया पीपुल सेंट्रिक रहना चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है।”
रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास की जंग का जिक्र करते हुए PM मोदी ने कहा, “हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।”
टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा
पीएम ने कहा, “आतंकवाद और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में रैडिकलाइजेशन (Radicalization) को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के पेंडिंग मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा।” साथ ही “हमें साइबर सिक्योरिटी, सेफ और सिक्योर AI के लिए ग्लोबल रेगुलेशन के लिए काम करना चाहिए।”
UNSC में रिफॉर्म की जरूरत
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें यूएन सिक्योरिटी काउंसिल, मल्टीलैटरल डेवलपमेंट बैंकों, WTO जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल इंस्टीट्यूशन में रिफॉर्म नहीं, बल्कि उन्हें रिप्लेस करना चाहते हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ और अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर रखा है।”
UPI पेमेंट्स भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि
पीएम मोदी ने कहा कि UPI पेमेंट्स भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत, BRICS देशों के साथ UPI सिस्टम शेयर करने के लिए तैयार है, दूसरे देशों ने भी इसे अपनाया है। उन्होंने मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़ने के लिए BRICS देशों को न्योता दिया।
ब्रिक्स स्पिरीट को आगे बढ़ाना जरूरी
पीएम मोदी ने कहा, “विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना BRICS समूह, आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारी विविधता, एक दूसरे के प्रति सम्मान और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा, हमारे सहयोग का आधार हैं। हमारी यह गुणवत्ता और ‘ब्रिक्स स्पिरीट’ अन्य देशों को भी इस फोरम की ओर आकर्षित कर रही है। हमें इस स्पिरीट को आगे बढ़ाना होगा।
मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भी, हम सब मिलकर इस यूनिक प्लेटफार्म को संवाद, सहयोग और समन्वय का उदाहरण बनाएंगे। इस संदर्भ में BRICS के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत अपने दायित्वों का हमेशा निर्वाहन करता रहेगा।”
ब्रिक्स के अगले अध्यक्ष ब्राजील राष्ट्रपति लूला
पीएम ने कहा, “मैं ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को ब्रिक्स के अगले अध्यक्ष के रूप में हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। भारत आपके ब्रिक्स अध्यक्ष पद की सफलता के लिए अपना पूरा समर्थन देगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए ब्रिक्स एक “अधिक प्रभावी माध्यम” के रूप में उभरेगा।
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