बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
भैरवदत्त असनोड़ा
गैरसैण में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति ने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बीते शनिवार 30 अगस्त को गैरसैण विकासखंड के फुलढुंगी (घंडियाल) गांव की प्रसूता महिला और नवजात की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।
परिजनों के अनुसार, 25 वर्षीय सुशीला देवी को प्रसव पीड़ा के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैण लाया गया था।
प्रसव के दौरान नवजात मृत पैदा हुआ, जिसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही महिला की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि मृत बच्चे की जानकारी मिलने के बाद महिला को सदमा लगा, जिससे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। मृतका का पति फिलहाल सेना में करगिल में तैनात है।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को गैरसैंण में जोरदार प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं, स्थानीय लोग, महिला मंगल दल और जनप्रतिनिधि रामलीला मैदान में जुटे और मुख्य बाजार से रैली निकालते हुए तहसील का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग उठाई।
इस दौरान गैरसैण व्यापार संघ ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए दोपहर 2 बजे तक बाजार बंद रखा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अर्जुन रावत का कहना है कि महिला का प्रसव डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया था, लेकिन नवजात मृत पैदा हुआ था. महिला बिल्कुल सही थी व परिजनों से बात कर रही थी.
करीब 1 घंटे बाद महिला को मृत बच्चा पैदा होने की खबर मिलने से उसे गहरा सदमा लग गया.अचानक महिला की तबीयत खराब हो गई और बेहोश हो गई, जिसके बाद महिला को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था. जहां रास्ते में महिला की मौत हो गई.
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