उत्तराखंड की ऊबड़-खाबड़ राहें, सीमित संसाधन और तमाम चुनौतियां भी उन युवाओं को नहीं रोक पातीं, जो अपने सपनों को पूरा करने की ठान लेते हैं।
चमोली जिले के छोटे से गांव मजोठी की बेटी मानसी नेगी इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। कठिनाइयों से लड़कर उन्होंने वह मुकाम हासिल किया है, जो आज पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
मानसी की शुरुआती पढ़ाई चमोली के साधारण स्कूलों में हुई। इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने देहरादून से की, जहां पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की तैयारी भी शुरू की। इसी बीच पिता का साया सिर से उठ गया, लेकिन मानसी ने इस दुख को अपनी ताकत बनाया और कभी हार नहीं मानी।
असिस्टेंट कोच बनीं मानसी नेगी
आज मानसी नेगी खेल विभाग पौड़ी में असिस्टेंट कोच के पद पर कार्यरत हैं। वह हाई एल्टीट्यूड रांसी स्टेडियम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रही हैं।
मानसी अब तक 17 से अधिक पदक अपने नाम कर चुकी हैं और उन्हें तीलू रौतेली पुरस्कार 2022-23 से भी सम्मानित किया गया है।
मानसी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20 किमी वॉक रेस में 1 घंटा 36 मिनट का रहा है। हाल ही में जर्मनी में आयोजित राइन रूहर FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 में उन्होंने टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया।

















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