हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में अंतर महाविद्यालय सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक का समापन हर्षाेल्लास के साथ हो गया है।
अन्तिम दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ जिसमें छात्र-छात्रओं ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्वामी मनमथन प्रेक्षागृह चौरास में पिछले दो दिनों से चल रही प्रतियोगिताओं में गुरूवार को मंच पर जहां पाण्डव नृत्य, जागर नृत्य, मां कालिका, मां नंदा के गीतों के साथ उतराखंड की मनमोहक वेशभूषा के साथ छात्र-छात्राओं ने ऐसी प्रस्तुति दी कि प्रेक्षागृह तालियों से गूंज गया और उतराखंड के लोकनृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने यह साबित कर दिया कि छात्र-छात्राओं में संस्कृति के प्रति विशेष रूचि है।
अंतिम दिन शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय गायन, पाश्चात्य गायन , मिमिक्री, माइम, एंकाकी नाटकों की प्रस्तुति हुई। लोकनृत्य में बिड़ला परिसर प्रथम, बीजीआर पौड़ी परिसर द्वितीय तथा तृतीय स्थान डॉल्फिन कॉलेज की टीम ने प्राप्त किया।
मिमिक्री में डोल्फिन कॉलेज की छात्रा यूनमीरा ने प्रथम, डीवीएस की छात्रा प्रतिभा ने द्वितीय तथा एसआरटी की वैष्णवी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

शास्त्रीय नृत्य में एसआरटी परिसर की स्मृति धवन ने प्रथम, बिड़ला परिसर की शालनी गोदियाल ने द्वितीय तथा बीजीआर की लेपामुद्रा महापात्रा तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.ओ.पी. गुसांई, समन्वयक प्रो.अतुल ध्यानी, चौरास परिसर के निदेशक प्रो.आर.एस. नेगी, मुख्य नियंता प्रो.एस.सी. सती, प्रो.भारती चौहान, डॉ.अरुण शेखर बहुगुणा, डॉ.ब्रिजेश गांगिल, डॉ.कपिल पंवार, डॉ.हीरालाल यादव आदि मौजूद रहे।
