रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
उत्तराखंड के कई जिलों में पहले ही मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। उत्तराखंड तीन दिन से हो रही भारी वर्षा से कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
चंपावत जिले में बादल फटने, भूस्खलन और नदी-नालों के उफनाने की घटनाओं से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है। इस आपदा में दो महिलाओं की मौत और दो लोग घायल हुए हैं। शुक्रवार,13 सितम्बर को चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में नेपाल सीमा के पास मटियानी में बादल फटने से पानी का सैलाब आ गया। इस सैलाब की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई। वहीं दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए।
SDM लोहाघाट रिंकु बिष्ट ने बताया कि लोहाघाट ब्लॉक के मटियानी में बादल फट गया था, जिस कारण इलाके में लैंडस्लाइड हुआ। पहले सूचना मिली थी कि लैंडस्लाइड की चपेट में पांच लोग आए है, लेकिन बाद में पता चला कि दो बच्चों पहले ही कही सुरक्षित स्थान पर चल गए थे। वहीं दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। दोनों को हल्की चोटें ही आई थी। वहीं, एक महिला का कुछ पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन शाम तक महिला का शव भी मिल गया। मृतक महिला की शिनाख्त 60 वर्षीय शांति देवी के रूप में हुई है।
एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट के मुताबिक ढोरजा में भी गौशाला की दीवार ढह गई थी। दीवार के नीचे आने से माधवी देवी (55) पत्नी पीतांबर भट्ट की मौत हो गई। इसके अलावा भारी बारिश के कारण चंपावत जिले के भिंगराडा में भी दो मंजिला धर्मशाला भारी बारिश में ढह कर खाई में गिर गई।
वही दूसरी ओर पिथौरागढ़ में बादल फटने से एक महिला की मौत हुई। जानकारी के अनुसार, ग्राम गढ़कोट, पोस्ट बिसाड़, जिला पिथौरागढ़ में बादल फटने की घटना के बाद जनपद पुलिस की टीमों ने त्वरित और समर्पित कार्य किया। इस आपदा में 72 वर्षीय देवकी देवी, पत्नी स्व. पूरन चंद्र उपाध्याय की दुखद मृत्यु हो गई। डायल 112 पर सूचना प्राप्त होते ही एसपी रेखा यादव के मार्गदर्शन में स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, और फायर ब्रिगेड की टीमों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।