- रक्तदान शिविर में 15 लोगों ने किया रक्तदान
- नेचर वॉक के माध्यम से जैव विविधता को समझा
गैरसैण में पहली बार आयोजित किए गए 3 दिवसीय किताब कौथिग के अंतिम दिन भी आम जनता ने भारी संख्या में शिरकत की।
दिन की शुरुआत नेचर वॉक से हुई जिसमें वन्यजीव श्री राजेश भट्ट ने पक्षी अवलोकन और प्रकृति आधारित पर्यटन पर मार्गदर्शन किया। पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने जंगलों में बेतहाशा बढ़ रहे चीड़ को बहुत गंभीर खतरा बताया।
वनस्पति विशेषज्ञ डॉ. बी. एस. कालाकोटी ने इस इलाके में पाए जाने वाली जड़ी – बूटियों की जानकारी दी। पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल और “घुघुति जागर टीम” ने प्रकृति से जुड़े गीतों से नेचर वॉक को संगीतमय बना दिया।
मुख्य मैदान में किताब मेले के मंच से “पर्यावरण बचाने में चिपको और मैती जैसे आंदोलनों की भूमिका” विषय पर पद्मश्री से सम्मानित कल्याण रावत जी और भैरव असनोड़ा जी ने वार्ता की।
रानीखेत से आई लेखिका अलका कौशिक और हेम पंत ने “वैश्विक अनुभव और स्थानीय पर्यटन” पर वार्ता की। राज्य मंत्री वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड उत्तराखंड ने भी स्टाल्स का निरीक्षण किया। प्रो. एस एस रावत, मनीष और मोहन भंडारी के बीच “गैरसैण राजधानी और शहीदों के सपने” पर सार्थक चर्चा हुई।
आयोजन के दौरान दिनभर गैरसैण मुख्य मैदान में स्कूली बच्चों और अभिभावक लगातार मेले में आते रहे। हजारों किताबों के साथ बच्चों ने ऐपन टेक्नोलॉजी, मंजू साह, समय साक्ष्य, शिवालिक साइंस फाउंडेशन, लाटी आर्ट्स, मुनस्यारी हाउस, सुबेर संस्था, कठपुतली के स्टॉल में खासी रुचि ली।
विभिन्न वार्ता सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ ललित उप्रेती ने बताया कि ” रंगदान से अंगदान जागरूकता अभियान” के तहत चिकित्सा विभाग के सौजन्य से आयोजित रक्तदान शिविर में नगर पंचायत अध्यक्ष ने सबसे पहले रक्तदान किया।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में हरिद्वार के वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश पांडे के संयोजन और अध्यक्षता में बहुभाषीय कविसम्मेलन हुआ जिसमें डॉ. नीरज नैथानी, बीना बेंजवाल, मदन डुकलान, डॉ. शम्भू प्रसाद भट्ट “स्नेहिल”, दयाल पांडे, शांति प्रसाद “जिज्ञासु”, आसीस सुन्दरियाल, विनेश पोखरियाल, भूपेंद्र कंडारी, दीक्षा जोशी, सतीश डिमरी, लक्ष्मण सिंह पंवार आदि ने हिंदी, गढ़वाली और कुमाउंनी भाषा में काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम को ऐतिहासिक सफलता दिलाने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष मोहन भंडारी, क्रिएटिव उत्तराखंड के दयाल पांडे और हेम पंत ने स्थानीय नागरिकों और अतिथियों का आभार प्रकट किया।
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