जज़्बा, जोख़िम, हुनर और हौसले से लिखी जाती है उद्यमशीलता की कहानी: धर्मलाल

महाविद्यालय जोशीमठ में 12 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का संचालन

राष्ट्रीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद और देवभूमि उद्यमिता योजना उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ में 12 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

12 दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला में 45 प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को नगर पालिका परिषद जोशीमठ और समीपवर्ती क्षेत्रों के सफल और दक्ष उद्यमी अपने अनुभव और कौशल से उद्यमशीलता के गुर सिखा रहे हैं।

कार्यशाला के 7वें दिन रिसोर्स पर्सन के रूप में वर्ष 2016 में ‘उत्तराखंड राज्य शिल्प रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित सफल उद्यमी धर्मलाल ने हस्त शिल्प से स्वरोजगार की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

धर्मपाल ने वर्ष 2017 में ओटोमन हस्तशिल्प फेयर बर्मिंघम, ब्रिटेन में अपनी काष्ट कला की प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया था।

उन्होंने प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं से कहा कि, उद्यमशीलता की कहानी जज्बा, जोखिम, कौशल, मूलभूत पूँजी, दीर्घकालिक योजना और हुनर से लिखी जाती है। हस्त शिल्प, काष्ट कला आदि के द्वारा पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड में युवा सफ़ल उद्यमी हो सकते हैं।

इस अवसर पर धर्मलाल ने व्यवहारिक प्रशिक्षण देने के साथ साथ हस्त कला के कुछ नमूनों की प्रदर्शनी भी लगाई।

देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नंदन सिंह रावत के कुशल संचालन में आयोजित कार्यशाला में महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. जी.के. सेमवालए ई.डी.आई. की ओर से मेंटर तारा सिंह, डॉ.रणजीत सिंह मर्तोलिया, डॉ.नवीन पंत, रणजीत सिंह राणा आदि शामिल रहे।

https://regionalreporter.in/rath-festival-concludes-with-colourful-folk-dance/
https://youtu.be/sLJqKTQoUYs?si=cyvp1AovC6WNz0ON

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