शाश्वत गर्ग और परिवार पर करोड़ों की ठगी का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
डायरेक्टर, परिजनों, रिश्तेदारों और बैंक अधिकारियों पर फर्जीवाड़ा, डुप्लीकेट फ्लैट सेल और फर्जी लोन लेने के गंभीर आरोप
देहरादून के मसूरी रोड स्थित आर्केडिया हिलाक्स हाउसिंग प्रोजेक्ट में बड़ा रियल एस्टेट घोटाला सामने आया है। दीपावली के बाद से बिल्डर शाश्वत गर्ग परिवार समेत लापता है।
इस बीच अंतरिम सोसाइटी प्रबंधन समिति ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने बिल्डर, उनके परिजनों, रिश्तेदारों और बैंक कर्मचारियों समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आरोप हैं एक ही फ्लैट को कई लोगों को बेचना, फर्जी दस्तावेज बनाना, निवेशकों और बैंकों से करोड़ों की ठगी करना और गलत तरीके से लोन लेना।
घोटाले का खुलासा
शिकायतकर्ता विवेक राज (अध्यक्ष, अंतरिम सोसाइटी आर्केडिया हिलाक्स) ने पुलिस को बताया कि:
- प्रोजेक्ट का निर्माण गोल्डन एरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर किया गया
- बिल्डर शाश्वत गर्ग, उनके पिता प्रवीण गर्ग, माता अंजली गर्ग और पत्नी साक्षी गर्ग पर परियोजना के नाम पर भारी निवेश जुटाने का आरोप
- आरोप है कि एक ही फ्लैट को कई खरीदारों को बेचा गया
- पहले से बिके फ्लैटों के फर्जी सेल एग्रीमेंट और जाली हस्ताक्षर बनाकर बैंकों व निजी वित्तीय संस्थानों से करोड़ों का लोन लिया गया
- कई फ्लैटों पर नकली दस्तावेजों से ऋण मंजूर कराए गए
MDDA ने जब देखा कि प्रोजेक्ट के दस्तावेज पेश नहीं किए गए तो उसने रेरा को चिट्ठी लिखकर रजिस्ट्री पर रोक लगा दी। इसके बाद पूरा मामला खुलकर सामने आया।
कब और कैसे शुरू हुआ पूरा घोटाला
पुलिस जांच में सामने आया:
- घोटाले की योजना मार्च 2014 से बनाई जा रही थी
- जमीन पर निर्माण का करार अतुल गर्ग (रिजनगर गाजियाबाद) और गोल्डन एरा इंफ्राटेक के बीच हुआ
- 2015 में पावर ऑफ अटॉर्नी शाश्वत गर्ग को ट्रांसफर किए गए
- 2017 में नए POA के जरिए प्रवीण गर्ग (पिता) को अधिकार दिए गए
- इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर निवेशकों से करोड़ों लिए गए
- प्रोजेक्ट को 2017 में रेरा में Arcadia Hillax नाम से पंजीकृत किया गया
असली डायरेक्टर अतुल गर्ग ने इन अधिकारों का कहीं भी सही उल्लेख नहीं किया, जिससे पूरी प्रक्रिया संदिग्ध साबित हुई।
बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की भूमिका भी जांच के दायरे में
राजपुर पुलिस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, राजपुर रोड , पिरामल दिवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया है।
आरोप है कि:
- बिल्डरों के साथ मिलकर
- फर्जी फ्लैट फाइलों, नकली अलॉटमेंट लेटर और जाली एग्रीमेंट
- के आधार पर करोड़ों का ऋण स्वीकृत किया गया।
बिल्डर शाश्वत गर्ग परिवार समेत लापता
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि:
- शाश्वत गर्ग, उनकी पत्नी साक्षी, पिता प्रवीण, मां अंजली और बेटा 17 अक्टूबर से लापता हैं
- 16 अक्टूबर को वे अपने ससुराल हापुड़ में थे
- 17 अक्टूबर को दो कारों में देहरादून रवाना हुए
- इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला
- उनके साले सुलभ गोयल ने हापुड़ कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई है
पुलिस अब लापता होने के एंगल की भी जांच कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई
थाना राजपुर प्रभारी ने बताया कि सभी आरोपियों पर:
- धोखाधड़ी
- जालसाजी
- फर्जी दस्तावेज तैयार करने
- निवेशकों और बैंकों को ठगने
सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।














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