कार और बाइक पर कटौती 22 सितंबर से, रोजमर्रा के सामान पर थोड़ा इंतजार
अगर आप भी 22 सितंबर से नए जीएसटी स्लैब का फायदा उठाने का इंतजार कर रहे हैं, तो रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामानों पर आपको अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा।
कार और बाइक जैसे प्रोडक्ट्स पर तो नई दरें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी, लेकिन FMCG सेक्टर के प्रोडक्ट्स जैसे दूध, बिस्कुट, खाने का तेल और नमकीन पर सस्ती कीमत का असर देर से दिखेगा।
FMCG कंपनियों ने मांगा वक्त
रिपोर्ट के मुताबिक, एफएमसीजी उद्योग और उससे जुड़ी एसोसिएशनों ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से नए जीएसटी रेट को लागू करने के लिए 30 दिन का समय मांगा है।
उनका कहना है कि लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल स्तर पर कई चुनौतियां हैं। खासतौर पर 5, 10 और 20 रुपये वाले छोटे पैकिंग वाले प्रोडक्ट्स की कीमत और सप्लाई चेन को नए हिसाब से तैयार करना तुरंत संभव नहीं है।
कंपनियों को नए जीएसटी रेट के मुताबिक पैकिंग बदलनी है। साथ ही बाजार में मौजूद पुराने स्टॉक को भी कवर करना है। सप्लाई चेन को नई व्यवस्था के अनुसार बदलना भी एक बड़ी चुनौती है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर कंपनियां तुरंत बदलाव नहीं कर पातीं, तो वे ग्राहकों को पुराने दामों पर फ्री प्रोडक्ट्स या ऑफर्स देकर राहत देने की कोशिश कर सकती हैं। यानी घर का खर्च कम तो होगा, लेकिन थोड़ी देर से।
क्या-क्या हुआ सस्ता
हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने नए स्लैब की घोषणा की है। इसके बाद अब केवल दो स्लैब रह गए हैं—5 फीसदी और 18 फीसदी।
दूध, पनीर, पराठा, नमकीन, बटर और घी जैसे कई रोजमर्रा के प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 5 फीसदी से घटाकर जीरो कर दिया गया है।
वहीं पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स जैसे शैंपू पर टैक्स 18 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। टीवी, वॉशिंग मशीन, कार और बाइक जैसे प्रोडक्ट्स पर जीएसटी अब 18 फीसदी कर दिया गया है।













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