भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उत्तराखंड के छह पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को निष्क्रियता और भौतिक सत्यापन में असफल रहने पर डीलिस्ट कर दिया है।
9 अगस्त को जारी इस आदेश में आयोग का कहना है कि इन दलों ने पिछले छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा और उनके कार्यालयों का कोई ठिकाना भी सत्यापन में नहीं मिला।
डीलिस्ट की गई पार्टियां
- भारतीय जनक्रान्ति पार्टी, देहरादून
- हमारी जनमंच पार्टी, देहरादून
- मैदानी क्रान्ति दल, देहरादून
- प्रजा मण्डल पार्टी, पौड़ी गढ़वाल
- राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी, हरिद्वार
- राष्ट्रीय जन सहाय दल, देहरादून
आयोग ने इन दलों को अंतिम अपील का मौका देते हुए 30 दिनों के भीतर अपनी बात रखने के लिए कहा है।
11 राजनीतिक पार्टियों को भेजा नोटिस
इसी कार्रवाई के दूसरे चरण में, आयोग ने राज्य के 11 अन्य पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन दलों ने भी 2019 से अब तक किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। इन्हें जवाब देने के लिए 27 अगस्त 2025 तक का समय दिया गया है, जिसके बाद डीलिस्टिंग पर अंतिम निर्णय होगा।
नोटिस भेजी गई राजनीतिक पार्टियां
- भारत कौमी दल (हरिद्वार)
- भारत परिवार पार्टी (हरिद्वार)
- भारतीय मूलनिवासी समाज पार्टी (देहरादून)
- भारतीय सम्राट सुभाष सेना (हरिद्वार)
- भारतीय अन्तोदय पार्टी (देहरादून)
- भारतीय ग्राम नगर विकास पार्टी (देहरादून)
- गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट (देहरादून)
- पीपल्स पार्टी (हरिद्वार)
- प्रजातंत्र पार्टी ऑफ इंडिया (नैनीताल)
- सुराज सेवा दल (नैनीताल)
- उत्तराखंड जनशक्ति पार्टी (देहरादून)
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों की यह समीक्षा, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और राजनीतिक व्यवस्था का शुद्धिकरण करने के उद्देश्य से की जा रही है। निर्वाचन आयोग का मानना है कि निष्क्रिय दलों की सूची से सफाई, चुनावी प्रणाली को और मजबूत बनाएगी।

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