गैरसैण के मेजर जनरल दिनेश सिंह बिष्ट को दूसरी बार विशिष्ट सेना मेडल

तीन पीढ़ियां लगातार जुटी रही हैं देश सेवा में

छोटे भाई सुरेश और वीरेंद्र भी हैं समाज सेवी

अभिषेक रावत

गैरसैंण क्षेत्र के मैखौली निवासी मेजर जनरल दिनेश सिंह बिष्ट को दूसरी बार विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित होने पर क्षेत्रवासियों ने इसे गौरवपूर्ण पल बताया। उनकी इस उपलब्धि पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, कांग्रेस के कद्दावर नेता हरिकृष्ण भट्ट सहित जनप्रतिनिधियों ने संपूर्ण उत्तराखंड के लिए उपलब्धि बताया।

लखनऊ में आयोजित एक सैन्य कार्यक्रम में मेजर जनरल दिनेश सिंह बिष्ट को विशिष्ट सेवा मेडल अलंकरण से सम्मानित किया गया।

दूसरी बार मिला विशिष्ट सेना मेडल

भारतीय सेना में एक कड़क और ईमानदार छवि के अधिकारी के रूप में पहचान रखने वाले मेजर जनरल दिनेश सिंह बिष्ट को इससे पूर्व 2011 में भी सेना में समर्पण भाव से अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।

दूसरी बार विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत किया जाना, सेना में उनके अभूतपूर्व योगदान का एक अनूठा उदाहरण है। मेजर जनरल बिष्ट इससे पूर्व गृहयुद्ध की मार झेलने वाले कांगो गणराज्य में पहले स्टाफ आफिसर और बाद में कमांडर के रूप में यूएन मिशन में भारतीय सैन्य अधिकारी के रूप में अपना सफल नेतृत्व दे चुके हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में सफल ऑपरेशन के लिए 2001 में गैलेंट्री अवार्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।

पीढ़ी दर पीढ़ी सेना को समर्पित है यह परिवार

सेना में बेहतरीन सेवाओं के लिए उन्हें आर्मी व आर्मी स्टाफ कमांडेशन कार्ड का सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। सैन्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले दिनेश सिंह बिष्ट की प्राथमिक शिक्षा पैतृक गांव मैखोली के प्राथमिक विद्यालय से हुई है।

सैन्य माहौल में जन्मे दिनेश सिंह बिष्ट का बचपन से ही भारतीय सेना का हिस्सा बनने की ललक रही थी। अपने इसी जज्बे के चलते वर्ष 1990 में आईएमए देहरादून से पासिंग आऊट के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना का हिस्सा बने। पिता स्व.अवतार सिंह बिष्ट भारतीय सेना में जेसीओ रैंक के सूबेदार पद से सेवानिवृत हुए, वहीं ताऊजी स्व.राजेंद्र सिंह बिष्ट कर्नल के पद से रिटायर हुए।

उनके दादा स्व.सूबेदार जय सिंह बिष्ट चर्चित पेशावर कांड के सेनानी रहे। चाचा स्व.आनंद सिंह बिष्ट ने 1971 में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत देकर क्षेत्र का नाम इतिहास के पन्नों पर अमर कर दिया।

दिनेश सिंह बिष्ट के बड़े भाई जसवंत सिंह बिष्ट सेना से कर्नल पद से और चचेरे बड़े भाई सुदर्शन सिंह बिष्ट ब्रिगेडियर रैंक तक पहुंचने वाले अधिकारी रहे हैं। उनके परिवार में नई पीढ़ी के कई युवा भी सेना में सेवाएं दे रहे हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद अपने पैतृक गांव में रहने की है योजना

भारतीय सेना में मेजर जनरल जैसे बड़े ओहदे पर तैनात दिनेश सिंह बिष्ट अपने गृहक्षेत्र में एक सरल ओर सौम्य व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। अपनी जन्म भूमि से गहरा लगाव होने के चलते वे हर साल छुट्टियां बिताने परिवार के साथ घर जरूर आते हैं। घर पर उनके छोटे भाई सुरेश कुमार बिष्ट और वीरेंद्र बिष्ट भी सामाजिक कर्म में रमे हुए हैं। जन्मभूमि के प्रति सम्मान और लगाव के चलते वे सेवानिवृत्ति के बाद पैतृक गांव में रहने की योजना बना रहे हैं।

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