उत्तराखण्ड के विभिन्न संगठनों के आह्वान पर गुरूवार, 06 मार्च को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में आयोजित स्वाभिमान रैली में गैरसैण की धरती से प्रचंड आंदोलन का संकेत निकला है।
उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोगों ने शिरकत कर पुरजोर आवाज में मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को बर्खास्त किए जाने की मांग की।
आंदोलनकारियों ने चेताया कि, यदि एक सप्ताह के भीतर मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल समेत उत्तराखण्ड विरोधी भावना प्रकट करने वाले मंत्रियों एवं पदाधिकारियों को राज्य सरकार बाहर नहीं करेगी तो गांव-गांव से आंदोलन की चिंगारी उठना तय है।
गैरसैण के रामलीला मैदान में पूर्व नियोजित कार्यक्रमानुसार सुबह 10ः30 बजे से ही गैरसैण, मेहलचोरी, पाण्डवाखाल, चौखुटिया, नागचुलाखाल, आदिबदरी क्षेत्र के विभिन्न गांव के महिला मंगल दलों का पहुंचना प्रारब्ध हो गया।
दोपहर 12 बजे तक उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की तादात में उत्तराखण्डी रैली स्थल पर पहुंचे। वक्ताओं ने कहा कि, आम उत्तराखण्डी बीते 25 वर्षों से उपेक्षा की आग में झुलस रहा है, लेकिन उत्तराखण्ड से चार बार के विधायक रहे प्रेमचंद्र अग्रवाल ने उत्तराखण्डियों के संदर्भ में की है उस पर चुप नहीं रहा जा सकता।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुरेश बिष्ट, गैरसैण नगर पंचायत के अध्यक्ष मोहन भंडारी, द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, भूकानून संघर्ष समिति के मोहित डिमरी, लुसुन टोडरिया, केदारनाथ क्षेत्र से त्रिभुवन चौहान, पत्रकार अनुसूया प्रसाद मलासी, पूर्व सभासद सरोज शाह, मंजू बिष्ट, खन्सर की महिला मंगल अध्यक्ष राधा बिष्ट समेत बेरोजगार संघ, महिला मंगल दल, छात्रसंघ अध्यक्ष समेत हजारों की तादात में लोग उपस्थित रहे।
”प्रेमचंद्र अग्रवाल को बर्खास्त करो“ के लगते रहे नारे
गैरसैण में आयोजित स्वाभिमान रैली में पहुंचे उत्तराखण्डी गुस्से में थे। उनके गुस्से के अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सभास्थल पर हर दस मिनट में प्रेमचंद्र अग्रवाल को बर्खास्त करो के नारे लगते रहे।
नेगी दा की कॉल का दिखा बड़ा असर
स्वाभिमान रैली के संदर्भ में बीते 4 मार्च की सांय उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की कॉल का बड़ा असर 6 मार्च को स्वाभिमान रैली में दिखाई दिया। सभास्थल पर सभा से पूर्व तथा सभा के बाद राज्य आंदोलन के दौर में नेगी दा द्वारा गाए गए गीत गुंजायमान रहे।
- गंगा असनोड़ाhttps://regionalreporter.in/author/ganga-asnora/
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