मुख्यमंत्री के निर्देश पर घना भाई का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान बुधवार, 12 फरवरी को हरिद्वार में खड़खड़ी घाट पर किया गया।
बता दें कि, घन्ना भाई को पूर्व में पेसमेकर लगाया गया था, उसके बाद से वह अस्पताल में नियमित रूप से हृदय संबंधी जांच करा रहे थे। कुछ दिन पूर्व उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई। सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे, जहां रक्त चढ़ाने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।
वह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे और कार्डियक अरेस्ट के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। आजीवन लोक कला, संस्कृति व भाषा के लिए समर्पित रहे घना भाई के निधन से प्रदेश के कला और सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर छा गई है।