हर परिवार की कहानी नम कर देगी आंखें
अल्मोड़ा, टिहरी, चंपावत और पौड़ी के परिवारों पर टूटा कहर, राज्य में शोक की लहर
गोवा के एक नाइट क्लब में हुए भीषण अग्निकांड ने उत्तराखंड के नौ परिवारों की खुशियां छीन लीं।
राज्य के अलग-अलग जिलों से रोज़गार या छुट्टियां बिताने गए लोग इस हादसे का शिकार हो गए।
आग इतनी भयावह थी कि कई लोग बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं खोज पाए।
इस हादसे की खबर मिलते ही उत्तराखंड में मातम पसर गया।
कैसे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात नाइट क्लब में अचानक आग भड़क गई।
आग तेज़ी से फैलती चली गई और अंदर मौजूद कई लोग फंस गए।
संकरी निकासी, धुएं का गुबार और अफरातफरी ने हालात और बिगाड़ दिए।
मौके पर पहुंची राहत टीमों ने घंटों की मशक्कत के बाद घायलों और शवों को बाहर निकाला।
उत्तराखंड के 9 लोग बने शिकार
इस हादसे में उत्तराखंड के जिन लोगों की जान गई,
उनमें कई ऐसे थे जो अपने परिवार की आजीविका का एकमात्र सहारा थे।
प्रमुख मृतकों में शामिल:
- मनीष सिंह – चंपावत
- जितेंद्र सिंह – टिहरी
- सतीश राणा – टिहरी
- सुमित नेगी – पौड़ी गढ़वाल
- अल्मोड़ा ज़िले के एक ही परिवार के चार सदस्य
चारों अल्मोड़ा निवासी दिल्ली में रहते थे और छुट्टियां मनाने गोवा गए थे।
इस परिवार में एक महिला गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। बाकी सभी की मौके पर या इलाज के दौरान मौत हो गई।
कहानी दर्द से भरी
परिवार का इकलौता कमाने वाला चला गया
सतीश राणा अपने माता-पिता और छोटे भाई का पूरा खर्च उठाते थे। दो बहनों की शादी कर चुके थे। हादसे ने उनके परिवार को टूटकर रख दिया।
आठ महीने की बच्ची हुई अनाथ
पौड़ी निवासी सुमित नेगी की पत्नी और आठ महीने की बेटी अब बेसहारा हो गई हैं।
पिता सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी हैं, लेकिन बेटे की मौत ने परिवार को अंदर से तोड़ दिया।
एक परिवार, चार अर्थियां
अल्मोड़ा के जिस परिवार के चार सदस्य इस हादसे में मारे गए, उनके गांव में हर आंख नम है। गांववालों का कहना है कि “ऐसी त्रासदी पहले कभी नहीं देखी।”
नेताओं ने जताया शोक, मदद की मांग
टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय और देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी जैसे राहत पैकेज देने की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
गोवा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। क्लब प्रबंधन और सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा हो रही है।
वहीं, उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
















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