गोवा के अरपोरा में नाइट क्लब आग हादसा, कर्मचारियों समेत पर्यटकों की जान गई
गोवा के अरपोरा गांव स्थित एक नाइट क्लब में देर रात लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार किचन में एलपीजी सिलेंडर फटने के बाद आग भड़की, जिससे क्लब में मौजूद कई लोग बेसमेंट और सीढ़ियों में फँस गए।
घटना में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल बताए जा रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा: सेकेंडों में फैली आग
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाइट क्लब के किचन एरिया में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ।
ब्लास्ट के तुरंत बाद आग ने तेजी से फैलना शुरू कर दिया। घना धुआँ पूरे क्लब में भर गया,
विशेषकर बेसमेंट और सीढ़ियों पर, जिससे वहां मौजूद कर्मचारियों और कुछ पर्यटकों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका।
दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
बचाव कार्य सुबह तक चलता रहा। अधिकांश शव रसोई और सीढ़ियों के आसपास से बरामद हुए हैं,
जिससे स्पष्ट होता है कि लोग निकलने की कोशिश में फँस गए थे।
कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित
हादसे में जान गंवाने वालों में बड़ी संख्या क्लब के स्टाफ की बताई जा रही है। मृतकों में महिलाएं भी शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश मौतें धुएँ से दम घुटने के कारण हुई हैं, जबकि कुछ मामलों में गंभीर झुलसने की पुष्टि हुई है।
अस्पतालों में कई घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
गोवा के मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया और मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक सहायता की घोषणा करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद दी जाएगी।
फायर सेफ्टी पर सवाल
प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि क्लब में फायर सेफ्टी नियमों का पूर्ण पालन नहीं हुआ।
आपातकालीन निकास, स्मोक वेंटिलेशन, और फायर अलार्म सिस्टम जैसे बुनियादी प्रबंधों पर सवाल उठ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उचित सुरक्षा इंतजाम होते, तो नुकसान कम किया जा सकता था।
घटना के बाद राज्यभर के नाइट क्लबों और बड़े रेस्टोरेंट्स के सुरक्षा ऑडिट की मांग तेज हो गई है।
जांच और कार्रवाई
- मजिस्ट्रियल जांच शुरू
- क्लब प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की पड़ताल
- राज्यभर में सुरक्षा ऑडिट के निर्देश
- पीड़ितों के लिए मुआवजा और चिकित्सा सहायता

















Leave a Reply