हरेला पर्व के शुभ अवसर पर हेनवती नंदन बहुगुणा नढ़वाल विश्वविद्यालय, चौराप्त परिसर में बुधवार को ग्रीन कैंपस, क्लीन कैंपस अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर परिसर को हरित एवं स्वच्छ बनाए रखने की दिशा में 100 से अधिक फलदार पौधे जैसे आम, आमला, जामुन, माल्टा अमरुद इत्यादि का रोपण किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह जी ने की। कार्यक्रम के संयोजक, निदेशक, चौरास परिसर, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह नेगी, प्रभारी, उद्यान प्रभागए डॉ. डी के राणा आर्यभट रिसर्च बॉयज हॉस्टल शोधार्थियों के द्वारा की गई।
इस अवसर पर डीन, स्टूडेंट वेलफेयर, प्रोफेसर ओ. पी. गुसाई, चीफ प्रॉक्टर, प्रोफेसर एस, सी, सती, चीफ स्टूडेंट एडवाइजर, प्रो. एम. एम. सेमवाल चीफ होस्टल पार्डन प्रो पाई. एस. फर्सचाण, प्रो. एस. एस. बिष्ट, डीन, नियुक्ति एवं पदोन्नति, प्रो. एम, एस पंवार, डीन, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर प्रो. र. के. नेगी, हीन, स्कूल ऑफ अर्थ साइंसेज प्रो. एच. सी. नैनवाल, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय ज्योत्ति, श्विक्षक संघ सदस्य डॉ. पूजा सकलानी और डॉ. अजय सेमल्टी, निदेशक HAPPRC डॉ, विजय कांत पुरोहित, विभागाध्यक्ष, हॉर्टिकल्वर विभाग डॉ के एन शाह, डॉ संतोष सिंह सहित विश्वविद्यालय के अन्य सम्मानित प्रोफेसरगण वं विभिन्न विभागों के शोध छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए चौरास परिसर के निदेशक प्रो. राजेन्द्र सिंह नेगी ने हरेला पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि ष्हरेला दिवस कंवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली, कृषि सभ्यता और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है। आज यह त्योहार पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता के रूप में नई पीढ़ी को प्रकृति से जोड़ने का सशक्त माध्यन बन चुका है।

साथ ही उन्होंने आर्यभट्ट शोध छात्रावास के शोधार्थियों द्वारा चलाई जा रही ग्रीन कैंपस, क्लीन कैंपस मुहिम की सराहना करते हुए इस अभियान को निरंतर आगे बढ़ाने हेतु यथानंभव सहयोग देने पर भी बल दिया।
कुलपति महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भावना का प्रतीक है। उन्होंने वृक्षारोपण को सतत् विकास का मूल आधार बताया और सभी से पर्यावरण संरक्षण हेतु सतत् प्रयास करने की अपील की।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल परिसर को हराभरा बनाना है, बल्कि छात्रों और कर्मचारियों में पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना भी है। विश्वविद्यालय के ग्रीन कैंपरा, कली। कैंपस अभियान के तहत भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।
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