उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार, 25 मई 2025 को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह 10 बजे ‘पंच प्यारों’ की अगुवाई में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ गुरुद्वारे के द्वार खोले गए, जिससे वार्षिक हेमकुंड साहिब यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ।
इस शुभ अवसर पर लगभग 5,000 श्रद्धालु उपस्थित थे, जिन्होंने “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों के साथ इस दिव्य क्षण का स्वागत किया।
शनिवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे में अखंड पाठ का भोग अर्पित करने के बाद शबद कीर्तन आयोजित किया गया, और रविवार सुबह पहला जत्था घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ।
हेमकुंड साहिब समुद्र तल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है। गुरुद्वारे को फूलों और रंग-बिरंगी पताकाओं से सजाया गया था, और बर्फीले मार्गों को साफ कर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया गया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यात्रा की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) की टीमें प्रमुख पड़ावों पर तैनात की गई हैं। इसके अतिरिक्त, दो महीने पूर्व क्षतिग्रस्त हुआ गोविंदघाट का पुल सरकार और प्रशासन के सहयोग से समय पर पुनर्निर्मित कर लिया गया, जिससे यात्रा में कोई बाधा नहीं आई।
हेमकुंड साहिब की यात्रा हर साल मई से अक्टूबर तक चलती है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस वर्ष भी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
इस पवित्र अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
हेमकुंड साहिब की यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मिक शांति और प्रकृति की सुंदरता का अनुभव करने का भी अवसर प्रदान करती है।

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