उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग में चल रही तबादला प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय तब लिया गया जब सुगम और दुर्गम क्षेत्रों के निर्धारण में अनियमितताओं और अस्पष्टता को लेकर याचिकाएं दायर की गईं।
बता दें कि, उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों के लिए ‘उत्तराखंड वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017’ के तहत प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसमें सुगम (आसान पहुंच वाले) और दुर्गम (कठिन पहुंच वाले) क्षेत्रों का वर्गीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हालांकि, हाल ही में उत्तरकाशी जिले के एक मामले में देखा गया कि एक ही क्षेत्र के दो विद्यालयों में से एक को दुर्गम और दूसरे को सुगम क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि विभाग इस मुद्दे पर न्याय विभाग से परामर्श ले रहा है और जल्द ही हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि तबादलों के लिए सुगम-दुर्गम का वर्गीकरण राज्य की नीति का हिस्सा है और इसे पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
शिक्षकों की स्थिति
राज्य में कई शिक्षक पिछले 20 से 25 वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में सेवा दे रहे हैं और इस बार सुगम क्षेत्रों में स्थानांतरण की आशा लगाए बैठे थे। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के बाद तबादला प्रक्रिया पर रोक लगने से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है।

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