फिजिक्स के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा हो गई है। इस साल ये प्राइज AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे. होपफील्ड को मिला है। उन्हें मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए फिजिक्स के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने मंगलवार, 8 अक्टूबर को स्टॉकहोम में इस पुरस्कार का ऐलान किया है।
होपफील्ड ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में अपना अनुसंधान किया और हिंटन ने यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में शोध कार्य किया है।होपफील्ड प्रिंसटन विश्वविद्यालय में आण्विक जीव विज्ञान (Molecular Biology) के पूर्व प्रो. एमेरिटस हॉर्वर्ड से जुड़े हुए हैं और हिंटन टोरंटो विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान विभाग में एक प्रो. एमरिटेस हैं।
जैफ्री को जिस मशीन लर्निंग के लिए नोबेल मिला है, इससे मशीनों को इंसानी दिमाग की तरह सोचना और समझना सिखाया जाता है। उन्होंने उसी के विकसित रूप AI को मानवता के लिए खतरा बताया था। उन्होंने 2023 में AI के विरोध में गूगल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था-
AI से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। समाज में गलत सूचनाएं तेजी से फैलेंगी, जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा।
जैफ्री ने AI के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हुए अफसोस जताया था। वहीं, नोबेल देने की घोषणा करते हुए कमेटी ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने दुनिया को नए तरीके से कंप्यूटर का इस्तेमाल करना सिखाया है।
विजेताओं को 8 करोड़ मिलेंगे
प्राइज की घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में की। दोनों विजेताओं को 8.90 करोड़ की राशि मिलेगी, जिसे दोनों में बराबर बांट दिया जाएगा।
इससे पहले सोमवार यानी, 7 अक्टूबर को मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल प्राइज विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला। उन्हें ये प्राइज माइक्रो RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) की खोज के लिए दिया गया है। नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन 14 अक्टूबर तक चलेगा।