रायपुर के तेलीबांधा इलाके में स्थित बेबीलोन टावर में मंगलवार, 02 सितम्बर देर रात बड़ा हादसा होते-होते टल गया। बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर अचानक आग लग गई, जिससे घना धुआं पूरे टावर में फैल गया और वहां मौजूद लोग फंस गए।
घटना के समय बिल्डिंग में 47 लोग मौजूद थे, जिन्हें करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया।
दमकल विभाग, SDRF, जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाया। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल था, कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई लेकिन गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई।
कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने बताया कि बिल्डिंग पूरी तरह से शीशे से ढकी होने के कारण धुआं तेजी से फैल गया। ऐसे में धुएं को बाहर निकालने और अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए शीशे के कई हिस्से तोड़ने पड़े। SDM कुमार चौबे भी मौके पर पहुंचे और खुद रेस्क्यू टीम के साथ अंदर जाकर लोगों को बाहर निकाला।
रेस्टोरेंट और दफ्तर में फंसे लोग
आग टावर के बी विंग में लगी, जहां कई दफ्तर संचालित होते हैं। इसके अलावा ए विंग की टॉप फ्लोर पर स्थित सांगरिया रेस्टोरेंट में भी डिनर कर रहे कई लोग फंस गए थे। नीचे की मंजिल पर आग और पूरे टावर में घना धुआं होने से लोग बाहर नहीं निकल पा रहे थे। रेस्क्यू टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। शुरुआती आशंका है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी होगी, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
यह घटना राजधानी रायपुर में हाई-राइज़ बिल्डिंग्स की सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन इंतज़ामों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रशासन और SDRF की टीम समय पर मौके पर नहीं पहुंचती, तो यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था।

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