आधार कार्ड को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NCR) से जोड़ने के प्रयास में, असम सरकार ने बुधवार, 11 दिसम्बर को बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की कि जिन लोगों ने अब तक राष्टीय नागरिक रजिस्टर (NCR) में आवेदन नहीं किया है, उन्हें अब आधार कार्ड नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने फैसला आज मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद लिया।
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मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस निर्णय का उद्देश्य बांग्लादेश से घुसपैठ की चिंताओं को दूर करना है। यह कदम असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ द्वारा हाल ही में घुसपैठियों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। सीएम सरमा ने कहा कि पिछले दो महीनों में असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ ने बड़ी संख्या में घुसपैठियों को पकड़ा है।
एनआरसी में आवेदन किया तो क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे सत्यापन
हमें अपनी प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है और इसीलिए हमने आधार कार्ड प्रणाली को सख्त बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि अब से राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग आधार आवेदकों के सत्यापन के लिए नोडल एजेंसी होगी। प्रत्येक जिले में एक अतिरिक्त जिला आयुक्त संबंधित व्यक्ति होगा।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक आवेदन के बाद, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसे सत्यापन के लिए राज्य सरकार को भेजेगा। स्थानीय सर्किल अधिकारी (CO) पहले यह जांच करेगा कि आवेदक या उसके माता-पिता या परिवार ने NRC में शामिल होने के लिए आवेदन किया है या नहीं।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा निर्देश
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नया निर्देश केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं और जिन्होंने एनआरसी में आवेदन नहीं किया है। सरमा ने कहा, इस तरीके से हम आधार कार्ड जारी क रने की प्रक्रिया को और कड़ा करेंगे ताकि कोई भी संदिग्ध व्यकित यह पहचान पत्र हासिल न कर सके।
असम में 31 अगस्त 2019 को अंतिम एनआरसी सूची जारी की गई थी, जिसमें 19,06,657 आवेदनकर्ताओं को बाहर किया गया था। कुल 3,11,21,004 नामों को शामिल किया गया था, जबकि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में आवेदन किया था।
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