केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में विकास के तहत महत्वाकांक्षी हाइपरलूप परियोजना में एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब होगी।
उन्होंने कहा कि इसकी लंबाई 410 मीटर होगी और यह जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप बन जाएगी।
शहर के संक्षिप्त दौरे पर आए रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने 15 मार्च को आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हाइपरलूप परियोजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रौद्योगिकी चेन्नई स्थित ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री’ में विकसित की जाएगी।
रविवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में वैष्णव ने आईआईटी मद्रास परिसर में अपने दौरे का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘एशिया में सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब (410 मीटर) जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी होगी।’ हाइपरलूप को परिवहन का पांचवा तरीका माना जाता है।
रेल मंत्रालय ने मई, 2022 में हाइपरलूप परिवहन प्रणाली और इसकी उप-प्रणालियों को स्वदेशी रूप से विकसित और मान्य करने के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी थी।
क्या है हाइपरलूप
यह एक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो एक ट्यूब में वैक्यूम में चलती है, जिससे यह 1,200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार तक पहुंच सकती है।
वर्जिन हाइपरलूप का टेस्ट 9 नवंबर 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ आयोजित किया गया था। इसकी रफ्तार 161 किलोमीटर प्रति घंटा थी।