वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के 92वें वार्षिक दिवस समारोह के अवसर पर तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की।
भारत में 8 अक्तूबर को वायुसेना दिवस मनाने का उद्देश्य देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलों और उसके पायलटों को सम्मानित किया जाना है। वायु सेना प्रमुख मार्शल अमर प्रीत सिंह ने तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर पहुंचे साथ ही तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि, अचानक किसी भी संकट से निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। उसके बाद उन्होंने कहा कि, ‘‘नवोन्मेष और लीक से हटकर सोच के साथ नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाना आज के बहु-क्षेत्रीय वातावरण में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।’’
एक मजबूत-सक्षम वायुसेना की जरूरत : मार्शल अमर प्रीत सिंह
मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायु सेना से आने वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे फिर से संगठित करने का आह्वान किया क्योंकि वैश्विक सुरक्षा वातावरण लगातार बदलाव की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संघर्षों ने एक मजबूत और सक्षम वायुसेना की जरूरत को दर्शाया है। इसलिए, वायुसेना को अचानक हमारे राष्ट्रीय हितों को चुनौती देने वाली किसी भी स्थिती से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
जानें वायु सेना दिवस 2024 की थीम
भारतीय वायुसेना दिवस 2024 की थीम “भारतीय वायुसेना – सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर” रखी गई है। हर साल यह दिन जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वायु सेना के योगदान को समझना और सराहना करना होता है।
भारतीय वायुसेना उपलब्धियां
स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायुसेना ने कुल पाँच युद्ध लड़े, जिनमें चार पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ हुआ। 1948, 1965, 1971 और 1999 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया। इसके अलावा, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी प्रमुख घटनाओं में भी भारतीय वायुसेना का योगदान अहम रहा है।