यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा पा चुकीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को अब मौत के मुंह से राहत मिल गई है। उनकी फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई प्रचारक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश में दी।
डॉ. पॉल ने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं के दस दिनों तक चले लगातार प्रयासों के बाद यह सफलता मिली है। उन्होंने यमनी नेतृत्व की “प्रार्थनापूर्ण कोशिशों” के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारत सरकार को इस कूटनीतिक सफलता के लिए आभार जताया।
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि यमन की कानूनी प्रक्रिया में निमिषा के परिवार की सहायता के लिए स्थानीय वकील नियुक्त किए गए। भारत सरकार ने ‘दीया’ (रक्त मुआवजा) के प्रावधानों पर भी विचार किया।
जायसवाल ने बताया कि यमन प्रशासन ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया था, जिससे समाधान की बातचीत का रास्ता खुला। भारत ने नियमित कांसुलर यात्राओं और परिवार से संपर्क बनाए रखने की व्यवस्था भी की।
धार्मिक और मानवीय अपीलों की भूमिका
इस मामले में यमन के ग्रैंड मुफ्ती, शेख अबू बक्र अहमद कंथपुरम ने भी हस्तक्षेप किया। उन्होंने यमनी इस्लामिक विद्वानों से बातचीत कर निमिषा की मानवता के आधार पर रिहाई की अपील की और ‘दीया’ यानी मुआवजा देने का सुझाव दिया।
मुफ्ती ने कहा कि वह धर्म नहीं, बल्कि मानवता के पक्ष में बोल रहे हैं। उनकी अपील के बाद ही यमन में फांसी पर अमल स्थगित हुआ।
निमिषा प्रिया का मामला
37 वर्षीय निमिषा प्रिया, केरल की एक नर्स हैं। उन्हें यमन की अदालत ने हत्या के आरोप में दोषी ठहराया था। नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी, जिसे 16 जुलाई 2025 को लागू किया जाना था।
यह मामला भारत में काफी संवेदनशील बन गया था। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी राहत जताई और कहा कि वे लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
जल्द भारत लौट सकती हैं निमिषा
डॉ. केए पॉल ने बताया कि अब निमिषा की सुरक्षित रिहाई और भारत वापसी की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी वापसी के लिए ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की के रास्ते लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है।

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