22 KM पैदल चलकर पहुंच रहे श्रद्धालु
सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग का हिस्सा ध्वस्त होने के बाद रोक दी गई थी यात्रा, प्रशासन ने अस्थायी रोक हटाकर तीर्थयात्रियों को दी अनुमति
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण बीते तीन दिनों से ठप पड़ी केदारनाथ यात्रा को प्रशासन ने फिर से शुरू कर दिया है। हालांकि सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच राजमार्ग अभी भी पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो सका है, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यात्रा पर लगी अस्थायी रोक हटा दी है।
अब श्रद्धालुओं को 6 किमी अतिरिक्त चलना पड़ रहा है, जिससे केदारनाथ धाम तक की कुल पैदल दूरी 22 किमी हो गई है। इसके बावजूद यात्रियों में यात्रा शुरू होने को लेकर खुशी और राहत का माहौल है।
150 मीटर राजमार्ग ढहने से यात्रा पड़ी थी बाधित
मंगलवार देर शाम को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच राजमार्ग का लगभग 150 मीटर हिस्सा ढह गया था, जिससे मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया। इसके बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से यात्रा को स्थगित कर दिया था।
इस दौरान न केवल धाम की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों को रोका गया, बल्कि धाम से लौट रहे श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला।
पैदल यात्रा मार्ग पर जारी है भूस्खलन, मुनकटिया के पास हालात नाजुक
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मुनकटिया के पास पैदल रास्ते पर भी लगातार भूस्खलन हो रहा है। एनएच विभाग ने राजमार्ग को पैदल चलने लायक बनाने का काम किया है। फिलहाल लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग चौड़ीकरण कार्य लगातार जारी है।
22 किमी पैदल यात्रा करनी होगी — एसपी अक्षय कोंडे
पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने बताया कि अभी यात्रा मार्ग पर वाहनों का आवागमन संभव नहीं है, इसलिए श्रद्धालुओं को केदारनाथ पहुंचने के लिए लगभग 22 किमी की पैदल यात्रा करनी होगी।
उन्होंने कहा:
“बारिश की स्थिति में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अस्थायी तौर पर यात्रा फिर से रोकी जा सकती है। यात्रियों से अपील है कि वे मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ही यात्रा करें।”
केदारघाटी में जारी है बारिश, फिर भी श्रद्धालु उत्साहित
लगातार बारिश और कठिनाइयों के बावजूद श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा को लेकर उत्साहित हैं। एनएच विभाग और प्रशासन के प्रयासों के बाद शनिवार से यात्रा को आंशिक रूप से बहाल किया गया है, जिससे लोगों में राहत की भावना देखने को मिल रही है।
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