CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में बड़ा खुलासा किया है। CBI ने ताला थाना में झूठे रिकॉर्ड बनाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा है कि इस केस से संबंधित कुछ सबूत पुलिस स्टेशन में बदल दिए गए या कुछ सबूत पुलिस स्टेशन में ही गलत तरीके से बनाए गए। यह खुलासा ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ के दौरान हुआ है।
इसी आधार पर सीबीआई ने कहा कि उन दोनों से आगे भी पूछताछ किए जाने की जरूरत है। इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 30 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने अभिजीत मंडल को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि घोष को अदालत के आदेश के बाद बलात्कार और हत्या मामले में 15 सितंबर को हिरासत में ले लिया गया था।
CBI को क्या-क्या पता चला?
सुनवाई के दौरान CBI ने दावा किया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान कुछ और जानकारियां सामने आई हैं। इससे पता चलता है कि ताला पुलिस स्टेशन में झूठे सबूत बनाए गए या उनमें फेरबदल किया गया।
CBI ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पुलिस स्टेशन की CCTV फुटेज जब्त कर ली है। फुटेज को जांच के लिए कोलकाता के सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) में भेजा गया है।
उक्त डेटा और रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों से हिरासत में आगे की पूछताछ की आवश्यकता है, जो कि एक या दो दिन में मिलने की उम्मीद है। दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन को भी डेटा निकालने के लिए सीएफएसएल भेज दिया गया है।. इन दोनों डेटा के आधार पर अहम सबूत मिलने की संभावना है।
सीबीआई ने अदालत में एक सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट पेश की और दोनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 सितंबर तक बढ़ाने की मांग की। इससे पहले 17 सितंबर को सीबीआई ने जांच पर सुप्रीम कोर्ट को एक स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि एजेंसी सबूतों को नष्ट किए जाने की संभावना तलाश रही है।