उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने बुधवार को भू-कानून को मंजूरी दे दी। प्रदेश में इस कानून की मांग लंबे समय से उठ रही थी। धामी सरकार ने इस कानून को बजट सत्र में पेश करने का निर्णय लिया है, ताकि इसे लागू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
कैबिनेट में लिए गए फैसले के अनुसार अब नगर निकाय क्षेत्र के बाहर कोई भी शख्स 250 वर्गमीटर तक जमीन बिना अनुमति के खरीद सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट में कहा- “प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए बुधवार को कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है।”
2017 में कानून में किया गया था बदलाव
वर्ष 2017 में भूमि क्रय संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था। धामी सरकार ने इस नए कानून को बजट सत्र में पेश करने का निर्णय लिया है। इसके बाद यह कानून लागू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही कहा था कि राज्य में एक सख्त भू-कानून जल्द लाया जाएगा। इस कानून के बाद राज्य में जमीनों की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर भी रोक लग सकेगी। इस कानून में राज्य में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर कुछ सख्त प्रावधान किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि इसके अलावा, साल 2017 में भूमि क्रय संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था। इसके तहत बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा 12.5 एकड़ को खत्म कर उसकी परमिशन जिलाधिकारी स्तर से देने का प्रावधान किया गया था।
भू कानून लागू होने के बाद होंगे ये बदलाव
- उत्तराखंड में बाहरी लोग 250 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन नहीं खरीद सकेंगे। अगर कोई तय सीमा से ज्यादा जमीन खरीदता है तो उस पर शिकंजा कसा जाएगा।
- कानून लागू होने के बाद राज्य में जमीनों की अंधाधुंध बिक्री पर लगाम लगेगी। इससे किसानों का भी फायदा होगा।
- उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के लिए जमीन खरीदने की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इसके अलावा निवेशकों को भी सीमा से छूट दी गई है।
- उत्तराखंड में अगर कोई बाहरी व्यक्ति जमीन लेना चाहता है तो उसको पहले स्थानीय जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अधिकारी जांच करेंगे कि खरीददार किस मकसद से जमीन खरीदना चाहता है, ताकि अंधाधुंध खरीद और गलत इस्तेमाल पर लगाम लगाई जा सके।