उत्तराखंड: अब प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री होगी पेपरलेस

उत्तराखंड में जमीनों की खरीद-फरोख्त की रजिस्ट्री पूरी तरह से पेपरलेस होने जा रही है। सरकार की ओर से इस संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ऐसे में कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ये सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

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उत्तराखंड में भूमि की खरीदफरोख्त में रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह से पेपरलेस होने जा रही है। स्टांप और निबंधन विभाग ने इसका बुनियादी खाका तैयार कर लिया है।

सोमवार, 10 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था के लिए आगामी कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025 को मंजूरी के लिए लाया जा रहा है।

कैबिनेट की अनुमति मिलने के बाद इसे विधिवत रूप से लागू कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने मीडिया कर्मियों को बताया कि वर्तमान में रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेजों को स्कैन कर सुरक्षित रखने की व्यवस्था है।

अब खरीदफरोख्त के मूल दस्तावेजों को खरीद-फरोख्त करने वालों को वापस करने की व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है।  इसके तहत पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, आधार प्रमाणीकरण, वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

दोनों पक्षकारों के पास यह सुविधा भी रहेगी कि सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में खुद आकर या वीडियो केवाईसी के जरिए दस्तावेज सत्यापन कर सकेंगे।

सब-रजिस्ट्रार भी दस्तावेजों में उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण करने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से प्रक्रिया पूर्ण करेंगे। साथ ही व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए तत्काल पक्षकार को सूचना देंगे।

”जमीनों की खरीदफरोख्त की प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी इंटरलिंक किया जाएगा। इससे जन सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से रजिस्ट्री प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े को भी रोका जा सकेगा”- प्रेमचंद अग्रवाल, वित्त मंत्री

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