खटीमा में बाढ़ से हाहाकार
उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य के मैदानी से लेकर पहाड़ी इलाकों तक कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सीमांत क्षेत्र खटीमा में जहां नदी-नालों के उफान से कई इलाकों में जलभराव हो गया है, वहीं केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन ने खतरा और बढ़ा दिया है।

खटीमा में बाढ़ का प्रकोप
उधम सिंह नगर जिले के खटीमा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से जारी भारी बारिश ने लोगों को बेहाल कर दिया है। कई ग्रामीण इलाकों में नदी-नालों का पानी घरों तक घुस आया है।
चकरपुर की वन रावत बस्ती पूरी तरह डूब गई, जिससे लोग अपने घर छोड़कर रेलवे ट्रैक किनारे पन्नियों के टेंट लगाकर रहने को मजबूर हो गए हैं।
भगचुरी इलाके में फंसे ग्रामीण परिवारों को एसडीआरएफ की टीम ने मोटरबोट के जरिए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। छोटे बच्चों को पंचायत घर और सरकारी स्कूलों में ठहराकर भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है।
प्रशासन लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है।
पिथौरागढ़ में मकान खतरे की जद में
लगातार हो रही बारिश का असर पिथौरागढ़ जिले में भी देखने को मिल रहा है। बेरीनाग और गंगोलीहाट क्षेत्र में दर्जनों मकान भूस्खलन से खतरे की जद में आ गए हैं। मनगड़ गांव में पहाड़ी से गिरे बोल्डर ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी। आमहाट गांव में कई परिवारों के घर क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार के कारण खतरे में आ गए हैं।
वहीं, बेरीनाग नगर में भी मकानों के पास भूस्खलन से लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए। बेरीनाग–सेराघाट मार्ग पर मलबा हटाने के दौरान एक जेसीबी पर पहाड़ी का मलबा गिर गया, जिससे चालक घायल हो गया और मार्ग घंटों बाधित रहा।

यात्रा मार्गों पर भूस्खलन से संकट
इधर, केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा मार्ग भी लगातार भूस्खलन से प्रभावित हो रहे हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग शटल पार्किंग में सोन नदी के कटाव से पार्किंग का बड़ा हिस्सा धंस गया।
इस दौरान पार्किंग में खड़े कई वाहन पलट गए और उनके पहिए हवा में खड़े हो गए। हालांकि देर शाम तक क्रेन की मदद से वाहनों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
वहीं बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ से खांकरा के बीच लगातार भूस्खलन हो रहा है। मंगलवार दोपहर यहां पहाड़ी से आए मलबे में एक कार फंस गई।
वाहन में बैठे लोगों की सांसें अटक गईं, लेकिन समय रहते जेसीबी की मदद से कार को निकाल लिया गया। हाईवे पर मलबा हटाने के बाद मार्ग को शाम चार बजे खोला जा सका, लेकिन इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
प्रशासन की सतर्कता
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, लगातार बारिश के चलते राज्य के कई हिस्सों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। खटीमा से लेकर पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग तक हर जगह राहत और बचाव दल अलर्ट पर हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग के संवेदनशील जोनों में यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

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