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मोरखंडा नदी पर बने अस्थायी पुल से आवाजाही बाधित

द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखंडा नदी पर बने लकड़ी के अस्थायी पुल के नीचे बने सुरक्षा दीवालों के नदी के तेज धाराओं में समाने से पुल खतरे की जद में आने से अस्थाई पुल पर आवाजाही पूर्णतया बाधित हो गयी है तथा ग्रामीणों व तीर्थ यात्रियों को ट्रॉली के सहारे मोरखडा नदी को आर – पार करना पड़ रहा है।

ट्रॉली संचालन में हो रही अव्यवस्था

लोक निर्माण विभाग द्वारा ट्रॉली के संचालन पर किसी भी व्यक्ति को तैनात न किये जाने से ग्रामीणों व तीर्थ यात्रियों को एक दूसरे के सहारे आर -पार करना पड़ रहा है।

आने वाले दिनों में यदि मोरखंडा नदी के जल स्तर में और अधिक वृद्धि होती है तथा लकड़ी का अस्थायी पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समाने से ग्रामीण व तीर्थ यात्रियों की आवाजाही का साधन मात्र ट्रॉली रह जायेगी जिससे ग्रामीणों व तीर्थ यात्रियों की मुश्किले बढ सकती हैं।

जान हथेली पर रखकर मोरखंडा नदी पार करते हुए यात्री

2023 की आपदा में बह गया था पुल

वर्ष 2023 में आपदा की भेंट चढ़े लोहे के गार्डर पुल की डीपीआर शासन की आलमारियों में कैद रहने से ग्रामीणों में शासन – प्रशासन व लोक निर्माण विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।

बता दें कि 14 अगस्त 2023 को ब्रह्म बेला पर मोरखंडा नदी का वेग उफान में आने के कारण मोरखंडा नदी पर 70 के दशक में बना लोहे का पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समा गया था। तब मदमहेश्वर धाम में फंसे तीन सौ से अधिक तीर्थ यात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेक्स्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।

विगत वर्ष भी 26 जुलाई को मोरखंडा नदी पर बना लकड़ी के अस्थाई पुल के भी नदी की तेज धाराओं में समाने से 105 तीर्थ यात्रियों का हेलीकॉप्टर से सेस्क्यू किया गया था।

लोक निर्माण विभाग व ग्रामीणों की मदद से लकड़ी के अस्थाई पुल से आवाजाही सुचारू की गयी थी। मंगलवार को हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण मोरखडा नदी का वेग उफान में आने के कारण लकड़ी के अस्थाई पुल की सुरक्षा दिवाले क्षतिग्रस्त होने से पुल खतरे की जद में आ गया है।

निवर्तमान प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में निरन्तर बारिश होने से मोरखडा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है तथा लकड़ी का अस्थाई पुल कभी भी नदी की धाराओं में समा सकता है।

अपने उफान पर मोरखंडा नदी

स्थानीय व यात्री बयां कर रहे परेशानी

बनातोली के व्यापारी बीरबल सिंह बिष्ट ने बताया कि यदि लोक निर्माण विभाग द्वारा ट्रॉली के संचालन के लिए दोनों तरफ कर्मचारियों की तैनाती की जाती है, तो ग्रामीणों व तीर्थ यात्रियों को ट्रॉली से आवाजाही करनी में सुविधा मिलेगी।

ट्राली से मोरखडा नदी को पार करने के बाद गौण्डार गाँव पहुंचे हरिद्वार निवासी सौरभ अग्रवाल व दिल्ली निवासी मयंक ने बताया कि ट्रॉली का सफर बहुत डरावना है। उन्होंने कहा कि, उनके लिए यह बेहद डरावना था, सरकार को जल्द से जल्द स्थायी पुल का निर्माण करना चाहिए जिससे कि आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी न हो।

निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है एक तरफ प्रदेश सरकार सीमान्त गांवों के चहुंमुखी विकास का ढिंढोरा पीट रही है, वहीं बनातोली में पुल निर्माण की डीपीआर शासन की फाइलों में कैद रहने पर प्रदेश सरकार की उदासीनता साफ छलक रही।

वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन से पुल की डीपीआर की स्वीकृति मिलते ही पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा।

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लक्ष्मण सिंह नेगी
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