नासा (NASA) ने आर्टेमिस मिशन के अगले चरण की घोषणा कर दी है, जिसमें 2026 तक इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की योजना बनाई गई है।
यह मिशन 50 साल बाद पहली बार इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की कोशिश करेगा। खास बात यह है कि इस बार पहली महिला और अश्वेत अंतरिक्ष यात्री भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखेंगे।
क्या है आर्टेमिस मिशन
आर्टेमिस (Artemis) नासा का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर एक लंबे समय तक टिकाऊ मानवीय उपस्थिति स्थापित करना है।
यह मिशन न केवल चंद्रमा पर वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
आर्टेमिस मिशन के तीन प्रमुख चरण
आर्टेमिस-1 (2022)
- यह एक मानवरहित मिशन था, जिसमें ऑरियन (Orion) स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा की कक्षा में भेजा गया।
- इस मिशन ने स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षा और कार्यक्षमता का परीक्षण किया।
आर्टेमिस-2 (2025 आगामी)
- यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की परिक्रमा करेंगे, लेकिन लैंड नहीं करेंगे।
- इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की यात्रा के दौरान ऑरियन स्पेसक्राफ्ट की कार्यक्षमता का परीक्षण करना होगा।
आर्टेमिस-3 (2026 – प्रस्तावित)
- यह मिशन इंसानों को चंद्रमा की सतह पर उतारेगा।
- पहली बार एक महिला और एक अश्वेत अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेंगे।
- लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर होगी, जहां पानी की मौजूदगी के संकेत मिले हैं।
आर्टेमिस मिशन की खासियत
- नई तकनीक का उपयोग: ऑरियन स्पेसक्राफ्ट, SpaceX का Starship लैंडर और गेटवे स्टेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
- चंद्रमा पर वैज्ञानिक अध्ययन: यह मिशन चंद्रमा की सतह पर बर्फ, खनिज और संसाधनों की खोज करेगा।
- मंगल मिशन की ओर बढ़ते कदम: चंद्रमा पर सफलता के बाद NASA की अगली मंजिल मंगल ग्रह होगा।
- लूनर बेस की तैयारी: NASA और उसके साझेदार चंद्रमा पर एक स्थायी बेस बनाने की योजना बना रहे हैं।
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