पेरिस डायमंड लीग के बाद चार दिन में दूसरी बड़ी जीत, कोच जेलेंजी की परंपरा को आगे बढ़ाया
भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपने भाले से भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने गोल्डन स्पाइक मीट में उन्होंने 85.29 मीटर का भाला फेंकते हुए पहला स्थान हासिल किया।
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हाल ही में पेरिस डायमंड लीग के जेवलिन थ्रो में पहला स्थान हासिल करने वाले मौजूदा विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा ने मंगलवार रात यहां हुए प्रतिष्ठित गोल्डन स्पाइक मुकाबले में भी जीत हासिल की।
नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में ट्रॉफी जीत ली। उन्होंने तीसरे प्रयास में 85.29 मीटर दूर भाला फेंक कर पहला स्थान हासिल किया।पहला थ्रो फ़ाउल करने के बाद, नीरज ने दूसरे प्रयास में 83.45 मीटर का थ्रो किया। चौथे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमशः 82.17 मीटर और 81.01 मीटर भाला फेंका, जबकि उनका छठा थ्रो फ़ाउल हो गया। दक्षिण अफ्रीका के डोव स्मिथ ने 84.12 मीटर के साथ रजत और ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 83.63 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता।
यह मीट वर्ल्ड एथलेटिक्स सबकॉन्टिनेंटल टूर के गोल्ड लेवल की प्रतियोगिता थी, जिसमें कुल 9 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
नीरज की यह जीत इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि यह टूर्नामेंट उनके कोच जान जेलेंजी का प्रिय रहा है-जो इस इवेंट को 9 बार जीत चुके हैं। नीरज ने पहली बार इसमें भाग लिया और अपने पहले ही प्रयास में गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।
चार दिन पहले ही उन्होंने पेरिस डायमंड लीग में शानदार 88.16 मीटर थ्रो के साथ खिताब जीता था। इस जीत के बाद ओस्ट्रावा में भी उनका आत्मविश्वास देखने लायक था।
यह पहली बार नहीं है जब नीरज ओस्ट्रावा के मैदान पर उतरे हों। 2018 में IAAF कॉन्टिनेंटल कप में वह इसी मैदान पर 80.24 मीटर के साथ छठे स्थान पर रहे थे। लेकिन इस बार उन्होंने शुरुआत से ही स्पष्ट कर दिया कि वो जीतने आए हैं।
वेबर से हिसाब चुकता
पिछले कुछ टूर्नामेंट में जर्मनी के जूलियन वेबर ने उन्हें हराया था — खासकर दोहा और पोलैंड की मीट में। लेकिन पेरिस डायमंड लीग में नीरज ने पहले ही प्रयास में वेबर को पछाड़ते हुए 88.16 मीटर का थ्रो फेंककर अपना बदला ले लिया।
नेशनल क्लासिक टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे नीरज
नीरज चोपड़ा अब 5 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाले नेशनल क्लासिक टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। इस प्रतियोगिता में ट्रिनिडाड के एंडरसन पीटर्स जैसे खिलाड़ी भी भाग लेंगे। यह इवेंट पेरिस ओलंपिक से पहले भारत में उनकी आखिरी बड़ी परीक्षा होगी।
