नेपाल में जेन-जी आंदोलन और हिंसक प्रदर्शनों के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दार्चुला में कर्फ्यू जारी है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
हालांकि, गुरुवार को प्रशासन ने सुबह 7 से 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी, जिसके बाद बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक झूला पुल से भारत में प्रवेश करते नजर आए।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को करीब 900 लोग झूला पुल से आवाजाही करते दिखे। इनमें दैनिक मजदूर, भारत में पढ़ने वाले छात्र और आवश्यक सामान लेने आए ग्रामीण शामिल थे।
सुबह ढील के दौरान 350 से अधिक लोग भारत पहुंचे, जबकि दोपहर बाद आवाजाही काफी सीमित रही।
सब्जियों की किल्लत, भारतीय बाजारों पर निर्भरता
नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में सब्जियों और जरूरी सामान की भारी कमी होने लगी है। लोग चावल, दाल, नमक, तेल और मसाले भारत से खरीदकर ले जा रहे हैं। वाहनों की आवाजाही बंद होने और हिंसा के कारण स्थानीय बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
भारत-नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट
आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि नेपाल में हालात पर भारत सरकार और राज्य सरकार लगातार नजर बनाए हुए हैं। बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, एसएसबी और लोकल पुलिस के साथ वन विभाग को भी गश्त के निर्देश दिए गए हैं।
फरार कैदी और हाईअलर्ट
नेपाल की जेलों से सैकड़ों कैदियों के फरार होने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हाईअलर्ट घोषित किया गया है। नेपाल ने भगोड़े कैदियों की गिरफ्तारी में भारत से सहयोग मांगा है। सीमावर्ती इलाकों में लगातार कांबिंग की जा रही है।
पर्यटन कारोबार पर असर
नेपाल में बिगड़े हालातों का असर उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार पर भी पड़ने लगा है। देहरादून की ट्रैवल एजेंसियों ने बताया कि नेपाल से पर्यटकों का आना लगभग रुक गया है। ट्रैवल कारोबारियों को पहले ही आपदा का नुकसान झेलना पड़ा था, अब नेपाल संकट से मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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