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UKSSSC पेपर लीक कांड: खालिद पर शिकंजा, बहन साबिया गिरफ्तार

पुलिस की जांच में बड़े खुलासे

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड ने प्रदेश की सियासत से लेकर सड़कों तक हलचल मचा दी है।

बेरोजगार संघ लगातार आंदोलन कर रहा है और आयोग पर गंभीर सवाल उठा रहा है। वहीं, पुलिस जांच में हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं।

मुख्य आरोपी खालिद की तलाश जारी है, जबकि उसकी बहनों और मददगारों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है।

देहरादून पुलिस ने हरिद्वार के लक्सर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर से खालिद की बहन साबिया को गिरफ्तार किया है।

मामले की विवेचना की जिम्मेदारी एसएसपी अजय सिंह ने एसपी ग्रामीण जया बलूनी को सौंपी है। जया बलूनी के नेतृत्व में विशेष टीम घटना से जुड़ी कड़ियों को जोड़ रही है और लगातार दबिश दे रही है।

परीक्षा केंद्र से हुआ खुलासा

जांच टीम ने हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट का निरीक्षण किया। यही वह परीक्षा केंद्र है, जहां से प्रश्नपत्र बाहर आया था।

टीम ने केंद्र के प्रिंसिपल, कक्ष निरीक्षकों और अन्य गवाहों से लंबी पूछताछ की। घटनास्थल का निरीक्षण, गवाहों के बयान और साइबर सर्विलांस से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है।

एसटीएफ को अब भी उस शख्स की तलाश है जिसने परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल फोन पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।

माना जा रहा है कि इसी मोबाइल के जरिये प्रश्नपत्र बाहर आया और फिर पेपर लीक की कड़ी आगे बढ़ी। पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो जाएगा।

आयोग की जांच में खालिद का फर्जी खेल

यूकेएसएसएससी के सचिव एस.के. बर्नवाल ने बताया कि पेपर लीक प्रकरण की जांच में सामने आया कि खालिद ने आयोग की परीक्षा के लिए चार अलग-अलग पहचान से आवेदन किए थे।

इन चारों फॉर्म्स में पिता का नाम, मोबाइल नंबर और यहां तक कि फोटो भी अलग-अलग लगाई गई थीं। आयोग की पड़ताल में पाया गया कि खालिद के अधिकांश मोबाइल नंबर किसी और के निकले या फिर बंद मिले।

खालिद की दूसरी बहन हिना से पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि खालिद पहले ही घर में कह चुका था कि उसने कई फॉर्म इसलिए भरे हैं ताकि जिस परीक्षा केंद्र पर नकल की सेटिंग होगी, वहीं वह परीक्षा दे सके। यह बयान पुलिस जांच में अहम साबित हो रहा है।

भारी संख्या में आवेदक, जांच में दिक्कत

आयोग के अनुसार, इस भर्ती परीक्षा में 1,54,764 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इतने बड़े स्तर पर आवेदन आने की वजह से शुरूआती चरण में हर फॉर्म की गहराई से जांच संभव नहीं थी।

लेकिन पेपर लीक के बाद जब खालिद के सभी आवेदन पत्रों की जांच की गई तो उसकी चालाकी सामने आई।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को कई अहम साक्ष्य मिले हैं। खालिद की तलाश जारी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।

वहीं उसकी बहन हिना और सहायक प्रोफेसर सुमन फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।

सीबीआई जांच की मांग

21 सितंबर को हुई परीक्षा को लेकर बेरोजगार संघ ने बड़ा दावा किया कि परीक्षा शुरू होने के महज आधे घंटे बाद ही सुबह 11:35 बजे पेपर का एक सेट लीक हो गया था।

इसके विरोध में संघ ने 22 सितंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया और सीबीआई जांच की मांग उठाई।

इससे पहले 20 सितंबर को देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले दो आरोपियों पंकज गौड़ और हाकम सिंह को गिरफ्तार किया था।

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